झारखंड हाईकोर्ट की स्थापना का रजत जयंती में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे SC के अगले चीफ जस्टिस
15 नवंबर को झारखंड हाईकोर्ट की स्थापना का रजत जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश के सर्वोच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के अगले चीफ जस्टिस सूर्यकांत बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे.

Ranchi: 15 नवंबर 2025 (शनिवार) को झारखंड 25 वर्ष का हो जाएगा. इसे लेकर तैयारियां अब लगभग अंतिम चरण में है. बता दें, इस बार बड़े ही धूमधाम में झारखंड स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाया जाएगा. इसे लेकर राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान को आकर्षण ढंग से सजाया जा रहा है. स्थापना दिवस के मौके पर मोरहाबादी मैदान में भव्य समारोह का आयोजन होगा. और दो दिनों (15 और 16 नवंबर) तक यहां विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा.
इसके साथ ही झारखंड हाईकोर्ट भी अपना स्थापना दिवस मनाने के लिए तैयार है. बता दें. 15 नवंबर को झारखंड हाईकोर्ट की स्थापना का रजत जयंती समारोह आयोजित किया जा रहा है जिसमें देश के सर्वोच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के अगले चीफ जस्टिस सूर्यकांत बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के 10 जज और 9 राज्यों के चीफ जस्टिस भी झारखंड हाईकोर्ट की स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह में भाग लेंगे.
कब और कैसे हुई थी झारखंड हाईकोर्ट की स्थापना
झारखंड उच्च न्यायालय भारतीय राज्य झारखंड का उच्च न्यायालय है. इसकी स्थापना 15 नवंबर 2000 को बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के तहत बिहार राज्य के विभाजन के बाद हुई थी और इसने इस क्षेत्र पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा पहले प्रयोग किए जाने वाले अधिकार क्षेत्र का स्थान लिया.
नए भवन के निर्माण में लगे करीब आठ वर्ष
2013 में, झारखंड सरकार ने बढ़ते मुकदमों के बोझ और डोरंडा स्थित पुराने भवन की सीमित क्षमता को देखते हुए, रांची के धुर्वा में एक नए उच्च न्यायालय परिसर की योजना को मंज़ूरी दी. करीब 165 एकड़ क्षेत्र में 2015 में निर्माण कार्य शुरू हुआ, जिसमें से 72 एकड़ मुख्य न्यायालय परिसर के लिए निर्धारित किया गया था. आधुनिक न्यायिक बुनियादी ढांचा बनाने के उद्देश्य से इसकी आधारशिला रखी गई थी और लगभग आठ वर्षों तक इसका निर्माण कार्य चलता रहा.
राष्ट्रपति द्रौपदी ने किया नए भवन का उद्घाटन
रांची के धुर्वा में झारखंड उच्च न्यायालय के नवनिर्मित इस भवन का उद्घाटन 24 मई 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया. झारखंड हाईकोर्ट का यह परिसर 165 एकड़ में फैला हुआ है, जो इसे क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय परिसर है. बता दें, इस परियोजना के निर्माण पर करीब 550 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आई है, जबकि भूमि अधिग्रहण और संबंधित सुविधाओं को शामिल करते हुए, कुल लागत लगभग 1,000 करोड़ रुपए आंकी गई है.









