झारखंड कैबिनेट बैठक आज, सारंडा जंगल को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित करने पर हो सकता है फैसला
झारखंड सरकार की एक और महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक आज होने जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में यह बैठक प्रोजेक्ट भवन स्थित मंत्रिपरिषद कक्ष में दोपहर 3 बजे से शुरू होगी. इसमें राज्य के सभी विभागीय मंत्री भाग लेंगे. इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिलने की संभावना जताई जा रही है.

Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:झारखंड सरकार की एक और महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक आज होने जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में यह बैठक प्रोजेक्ट भवन स्थित मंत्रिपरिषद कक्ष में दोपहर 3 बजे से शुरू होगी. इसमें राज्य के सभी विभागीय मंत्री भाग लेंगे. इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिलने की संभावना जताई जा रही है.
सारंडा जंगल को वाइल्डलाइफ सेंचुरी बनाने पर प्रस्ताव संभव
आज की बैठक में सबसे अहम प्रस्ताव सारंडा जंगल से जुड़ा हो सकता है. झारखंड के प्रसिद्ध और जैव विविधता से भरपूर सारंडा जंगल को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित करने का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने रखा जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, वन एवं पर्यावरण विभाग इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में मंगलवार देर रात तक जुटा हुआ था। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में सख्त निर्देश जारी किए हैं, जिसके बाद सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा रही है
पिछली कैबिनेट बैठक में 67 प्रस्तावों को मिली थी मंजूरी
गौरतलब है कि इससे पहले 2 सितंबर को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 67 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी. इनमें झारखंड राज्य विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग की कार्य नियमावली, और दिवंगत नेता शिबू सोरेन के मोरहाबादी स्थित आवास को उनकी पत्नी रूपी सोरेन के नाम पर करने जैसे फैसले शामिल थे.
आज की बैठक में और किन प्रस्तावों पर चर्चा संभव?
* राज्य में आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े प्रस्तावों पर विचार हो सकता है.
* कुछ विभागों में नई भर्तियों या स्थानांतरण नीति को लेकर भी निर्णय लिए जा सकते हैं.
* राज्य की विकास योजनाओं और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा भी संभावित है.
आज की कैबिनेट बैठक राज्य के वन संरक्षण, पर्यावरण नीति और प्राकृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के नजरिए से अहम मानी जा रही है. यदि सारंडा जंगल को वाइल्डलाइफ सेंचुरी का दर्जा दिया जाता है, तो यह न केवल वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी मददगार साबित होगा.









