इंडियन डेंटल एसोसिएशन की ओर से आधुनिक दंत चिकित्सा तकनीक पर सेमिनार का आयोजन
एक दिवसीय सेमिनार में विशेषज्ञों ने आधुनिक दंत चिकित्सा में उपयोग होने वाली प्रमुख तकनीकों जैसे सीएडी-कैम सिस्टम, डिजिटल इम्प्रेशन स्कैनिंग, 3डी प्रिंटेड प्रोस्थेसिस, लेजर डेंटिस्ट्री, डिजिटल स्माइल डिजाइन विषय पर विस्तार से जानकारी दी.

Deoghar: इंडियन डेंटल एसोसिएशन (IDA) के बैनर तले शनिवार को स्थानीय एक होटल के सभागार में आधुनिक दंत चिकित्सा तकनीकों की उपयोगिता और भविष्यगत संभावनाओं पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम कैड कैम लैब की ओर से आयोजित किया गया, जिसका संचालन लैब की सीईओ डॉ. प्रमिला पटेल और एमडी डॉ. प्रवीर पुलाक के निर्देशन में हुआ. वर्तमान समय में तेजी से बदलती डिजिटल तकनीक को देखते हुए इस सेमिनार को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया. कार्यक्रम का उद्घाटन आगत अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इसके बाद इंडियन डेंटल एसोसिएशन और सीएडी-कैम लैब द्वारा दंत चिकित्सा में तकनीकी नवाचारों के महत्व पर प्रकाश डाला गया. आयोजकों ने बताया कि आज के दौर में डिजिटल डेंटिस्ट्री न केवल उपचार को सरल बनाती है बल्कि मरीजों को तेज, सटीक और बेहतर परिणाम देती है.
स्क्रीन पर प्रदर्शित तकनीकी प्रस्तुति मुख्य आकर्षण
सेमिनार का मुख्य आकर्षण रहा प्रोजेक्टर के माध्यम से स्क्रीन पर प्रदर्शित तकनीकी प्रस्तुति रहा. जिसे डॉ. नितीन विद्या और डॉ. अशोक अग्रवाल ने प्रस्तुत किया. दोनों विशेषज्ञों ने आधुनिक दंत चिकित्सा में उपयोग होने वाली प्रमुख तकनीकों जैसे सीएडी-कैम सिस्टम, डिजिटल इम्प्रेशन स्कैनिंग, 3डी प्रिंटेड प्रोस्थेसिस, लेजर डेंटिस्ट्री, डिजिटल स्माइल डिजाइन विषय पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सीएडी-कैम तकनीक दंत चिकित्सकों को अधिक सटीकता के साथ क्राउन, ब्रिज, इनले-ऑनले और अन्य रिस्टोरेटिव प्रक्रियाएं करने में मदद करती है. इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि मरीजों को भी बेहतर और दीर्घकालिक परिणाम मिलते हैं.
सेमिनार के अंतिम चरण में आयोजकों ने बताया कि डिजिटल दंत चिकित्सा आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है. सीएडी-कैम लैब ने वादा किया कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे चिकित्सकों और मरीजों दोनों को आधुनिक चिकित्सा का लाभ मिलता रहे. कार्यक्रम में देवघर और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में दंत चिकित्सक शामिल हुए. मौके पर डॉ. एनपी दास, डॉ. डी तिवारी, डॉ. आरएन प्रसाद, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. अमित कुमार, डॉ. नीतू अग्रवाल, डॉ. अमित प्रसाद, डॉ. आकाश प्रकाश सिंह, डॉ. पूजा राय, डॉ. अंजू, डॉ. स्नेहा साह, डॉ. चेतना, डॉ. रूपाली, डॉ. हर्ष, डॉ. सत्यम सत्यार्थी, डॉ. अमरेश, डॉ. अविनाश, डॉ. कौशिक, डॉ. शुभम, डॉ. सदाब, डॉ. ज्योतिष सहित कई अन्य चिकित्सक उपस्थित थे.
चिकित्सकों के साथ संवाद, सवाल-जवाब सत्र
सेमिनार में उपस्थित चिकित्सकों के लिए विशेषज्ञों ने विस्तृत इंटरएक्टिव सेशन भी आयोजित किया. इस दौरान चिकित्सकों ने आधुनिक तकनीक अपनाने में होने वाली चुनौतियों, लागत, प्रशिक्षण और व्यवहारिक उपयोग से जुड़े सवाल पूछे. डॉ. नितीन और डॉ. अशोक ने सभी प्रश्नों का समाधान देते हुए डिजिटल दंत चिकित्सा को भविष्य की आवश्यकता बताया और कहा कि आधुनिक तकनीक के बिना दंत चिकित्सा क्षेत्र आगे नहीं बढ़ सकता. डिजिटल डेंटिस्ट्री से न केवल उपचार तेज होता है, बल्कि सटीकता और मरीजों की संतुष्टि भी कई गुना बढ़ जाती है. उन्होंने चिकित्सकों को इस दिशा में कदम बढ़ाने और नई तकनीक को अपनाने पर विशेष बल दिया.
रिपोर्ट- सुनील कुमार झा









