स्ट्रेचर छिनाया, तो पति को ठेले में लिटाकर एक्स-रे कराने ले गई पत्नी, देखें लचर सिस्टम का नजारा
गिरिडीह में सदर अस्पताल में लचर सिस्टम का नजारा देखने को मिला, जहां एक बीमार पति को दिखाने गई महिला से, उसके पति से सदर अस्पताल में स्ट्रेचर छीना गया ,तो महिला अपने पति को ठेले पर लिटाकर एक्स-रे कराने पहुंची.

NAXATRA NEWS- गिरिडीह में सदर अस्पताल में लचर सिस्टम का नजारा देखने को मिला, जहां एक बीमार पति को दिखाने गई महिला से, उसके पति से सदर अस्पताल में स्ट्रेचर छीना गया ,तो महिला अपने पति को ठेले पर लिटाकर एक्स-रे कराने पहुंची.
GIRIDIH : गिरिडीह में स्वास्थ्य विभाग सिस्टम के कारण लाचार है या लाचार सिस्टम ही स्वास्थ्य विभाग चला रहा है. इस सवाल के उठने का कारण और नजारा खुद देखकर आप तय करें. यह नजारा है गनगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के गृह जिले और विधानसभा क्षेत्र का. जहां जिले के सदर अस्पताल जो कि डीसी आवास से सिर्फ सौ मीटर दूर, सदर एसडीएम का कार्यालय डेढ़ सौ मीटर दूर है. वहीं से ऐसी तस्वीर का सामने आना, चिंता पैदा करता है.
दरअसल शनिवार को शहर के झींझरी मुहल्ला के सुनील राम के साथ उसकी पत्नी रेणु देवी दिखाने के लिए सदर अस्पताल पहुंची. पहुंची तो वो वो ऑटो से लेकर लेकिन ज़ब पति के पांव का एक्स-रे कराने की बात हुई तो रेणु देवी सदर अस्पताल के स्ट्रेचर में पति को लिटा ही रही थी, एक नर्स ने रेणु देवी से स्ट्रेचर छीन ली और उसे ले गई. सदर अस्पताल की नर्स ने ऐसा क्यों किया, ये सुनील राम की पत्नी ने कारण भी जानना चाहा लेकिन कोई जवाब नही मिला. इस दौरान रेणु देवी ने एक्स-रे कराने के लिए उसे आधार कार्ड भी अपडेट कराने का सुझाव दिया गया. क्योंकि शनिवार होने के कारण सदर अस्पताल में एक्स-रे भी संभव नही था.
सदर अस्पताल से कोई सहयोग नहीं मिलता देख रेणु देवी ने अस्पताल के बाहर एक ठेले भाड़ा में लेकर अपने पति को लिटाकर सीधा पहले आधार कार्ड अपडेट कराने और एक्स-रे कराने प्राइवेट नर्सिंग होम पहुंच गई. इस दौरान जिसने भी ये नजारा देखा, सभी हैरानी में पड़ गए, वहीं कुछ युवक मंत्री के विकास पर जमकर बरसे और कहा कि सिर्फ विकास का ढकोसला पीटा जा रहा है और कुछ नहीं है. विकास क्या हुआ, ये इस मरीज के हालात से नजर आता है.
जानकारी के अनुसार सुनील राम एक रोड एक्सीडेंट के दौरान चोटिल हो गए, जिसमें उनका एक पांव टूट गया. जिसका एक्स रे कराने के लिए रेणु देवी सदर अस्पताल आई थी.. अब ऐसी स्थिति में भी सदर अस्पताल का यह नजारा कई सवाल पैदा करती है. आखिर कब तक झारखंड में ठेले पर सिस्टम चलेगी. क्या लाचार मरीजों के साथ यही व्यवहार होना चाहिए.









