झारखंड की उच्च शिक्षा पर सवाल: रांची विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा पर अटकी उम्मीदें
रांची विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा एक साल से लटकी हुई है. आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद परीक्षा तिथि घोषित नहीं की गई है. शोधार्थी नाराज़ हैं और प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगा रहे हैं. विश्वविद्यालय का कहना है कि परीक्षा पर फिलहाल राजभवन के निर्देश से रोक लगी हुई है.

NAXATRA NEWS
RANCHI: झारखंड की उच्च शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं, और वजह है रांची विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा, जो करीब एक साल से अटकी हुई है. आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद अब तक परीक्षा की तिथि घोषित नहीं की गई है, जिससे शोधार्थी नाराज़ और चिंतित हैं.
रांची विश्वविद्यालय परिसर में अबुआ अधिकार मंच के बैनर तले शोधार्थियों ने प्रदर्शन कर प्रशासन से जल्द परीक्षा तिथि घोषित करने की मांग की. छात्रों का कहना है कि लंबे समय से तैयारी करने के बावजूद परीक्षा को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश न आना विश्वविद्यालय की मनमानी को दर्शाता है. उनका कहना है कि यह देरी न केवल उनके भविष्य को प्रभावित कर रही है, बल्कि शिक्षा की साख और शोध की दिशा दोनों पर सवाल खड़े कर रही है.
शोधार्थी अभिषेक शुक्ला और अभिषेक बनर्जी ने कहा कि प्रशासन की चुप्पी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. वहीं, छात्र नेता विशाल यादव ने मांग की कि शैक्षणिक सत्र को समयबद्ध रखने के लिए विश्वविद्यालय को ठोस कदम उठाने चाहिए.
उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि परीक्षा पर फिलहाल रोक राजभवन के निर्देश पर लगी हुई है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. गुरुचरण साहू ने बताया कि जैसे ही राजभवन से अनुमति मिलेगी, परीक्षा की तिथि घोषित कर प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी जाएगी.
हालांकि विश्वविद्यालय ने जल्द परीक्षा आयोजित करने का भरोसा दिया है, लेकिन शोधार्थियों की बेचैनी कम नहीं हुई है. अब सबकी निगाहें राजभवन और विश्वविद्यालय प्रशासन पर टिकी हैं कि कब यह लंबी प्रतीक्षा समाप्त होगी.









