कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी का PM मोदी पर तीखा प्रहार, "BJP सरकार ने देश को बेचने का ले लिया है ठेका"
कांग्रेस नेता सह सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सुपौल में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर जोरदार हमला बोला, उन्होंने कहा कि मोदी ने देश को बेचने का ठेका ले लिया है.

NAXATRA NEWS : कांग्रेस नेता सह सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सुपौल में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर जोरदार हमला बोला, उन्होंने कहा कि मोदी ने देश को बेचने का ठेका ले लिया है.
Bihar Assembly Election 2025 : सुपौल के सदर प्रखंड के चैनसिंहपट्टी में शनिवार को आयोजित एक विशाल जनसभा में कांग्रेस नेता सह राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सुपौल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी मिन्नत रहमानी के पक्ष में वोट करने की अपील की. सभा में उमड़ी भारी भीड़ ने माहौल को पूरी तरह चुनावी रंग में रंग दिया.
इस दौरान इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने मशहूर जोशीले अंदाज़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि देश की हालत बेहद चिंताजनक है, क्योंकि केंद्र सरकार देश की संपत्तियां निजी हाथों में सौंप रही है. उन्होंने कहा कि भागलपुर में मोदी ने 100 एकड़ जमीन अडानी को एक रुपये में दे दी. मोदी सरकार देश को टुकड़ों में बेच रही है. रेलवे, एयरपोर्ट, बंदरगाह, बीमा, बैंक, सब कुछ बेच डाला. अब नौजवानों का भविष्य भी ठेके पर देने की तैयारी हो रही है.
इमरान प्रतापगढ़ी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी जी ने देश को विकास के नाम पर व्यापार बना दिया है, जहां गरीब और किसान मुनाफाखोरों की मशीन बन गए हैं. यहां तक कि कफन पर भी जीएसटी लगा दिया गया है.सोचिए, जनता पर कितना अत्याचार हो रहा है.उन्होंने आगे कहा कि महंगाई चरम पर है, बेरोजगारी आसमान छू रही है और किसानों की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है. मोदी सरकार सिर्फ पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है, आम जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
वहीं सभा में उन्होंने जनता से अपील की कि सुपौल की जनता इस बार महागठबंधन के प्रत्याशी मिन्नत रहमानी को जिताकर दिल्ली तक यह संदेश भेजे कि बिहार बदलाव चाहता है. उन्होंने कहा कि “मिन्नत रहमानी जैसे युवा, शिक्षित और ईमानदार प्रत्याशी ही इस इलाके की असली आवाज हैं. सुपौल में बदलाव की बयार चल चुकी है, और यह बयार अब दिल्ली तक जाएगी.









