बिहार में आजादी के बाद पहली बार मतदान कब और किसने किया?
1951-52 में बिहार में आज़ादी के बाद पहली बार मतदान हुआ, जब संयुक्त बिहार (वर्तमान झारखंड सहित) के 2.2 करोड़ मतदाताओं ने लोकतंत्र का पहला अभ्यास किया. बैलेट पेपर, प्रतीक चिन्ह और सीमित संसाधनों के बीच हुआ यह चुनाव भारतीय लोकतंत्र की ऐतिहासिक नींव साबित हुआ.

Naxatra News
भारत में आज़ादी के बाद पहला आम चुनाव 1951-52 में हुआ था. इसी दौरान बिहार में भी पहली बार जनता ने वोट डाला.
➡ बिहार में पहली बार मतदान 1951 के अंत में शुरू हुआ और 1952 की शुरुआत तक चला.
उस वक्त बिहार एक संयुक्त राज्य था - यानी वर्तमान झारखंड भी बिहार का हिस्सा था.

उस समय की दिलचस्प बातें:
1. पहली बार वोट डालने वाले लोग ज्यादातर निरक्षर थे
इसलिए वोट डालने के लिए प्रतीकों (symbols) का इस्तेमाल किया गया.
जैसे बैल, दीपक, झोपड़ी, हाथ आदि - ताकि बिना पढ़े लोग पहचान सकें.

2. महिलाओं की भागीदारी कम थी
क्योंकि बहुत-सी महिलाएँ सामाजिक झिझक या परिवार के दबाव के कारण वोट देने नहीं पहुँचीं.
लेकिन कुछ क्षेत्रों में महिलाओं ने हिम्मत दिखाकर मतदान किया - यह उस समय बड़ी बात थी.

3. पहला मुख्यमंत्री
पहली विधानसभा के बाद श्री कृष्ण सिंह (डॉ. श्रीकृष्ण सिंह) बिहार के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.
वे स्वतंत्रता सेनानी भी थे और 1946 से ही इस पद पर थे.

4. पहला चुनाव आयोग बहुत मेहनत से काम करता था
उस समय न मशीन थी, न डिजिटल सुविधा.
बैलेट पेपर और लकड़ी की पेटियों में वोट डाले जाते थे.
ग्रामीण इलाकों में मतदान केंद्र तक पहुँचने के लिए बैलगाड़ी या नाव का इस्तेमाल होता था.

5. बिहार के पहले चुनाव में मतदाता संख्या
करीब 2.2 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे,
जिनमें से लगभग 50% ने मतदान किया - उस दौर में यह बड़ा रिकॉर्ड था.
6. नेहरू जी की रैलियों में भारी भीड़
बिहार में जवाहरलाल नेहरू, जयप्रकाश नारायण और डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे नेताओं की सभाओं में अपार जनसमूह उमड़ता था.
कई जगह लोग पेड़ों पर चढ़कर भाषण सुनते थे.









