वनवासी कल्याण आश्रम के तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत पदाधिकारी अभ्यास वर्ग का शुभारंभ
प्रशिक्षण वर्ग में वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर जी द्वारा सुखराम मुंडा का श्रीफल, अंगवस्त्र और शॉल से मंच पर सम्मानित किया गया.

Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:राजधानी रांची स्थित राणी सती मंदिर धर्मशाला परिसर में 12 से 14 सितंबर तक प्रांत पदाधिकारियों के प्रशिक्षण वर्ग का उद्घाटन किया गया. बता दें, तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत पदाधिकारी अभ्यास वर्ग का शुभारंभ अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से किया गया है. जिसका उद्घाटन वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, उपाध्यक्ष द्वय एच के नागु, तेची गुबीन, महामंत्री योगेश बापट, सह महामंत्री विष्णुकांत, रामेश्वर राम उरांव, कोषाध्यक्ष महेश मोदी और झारखंड प्रांत के अध्यक्ष सुदन मुंडा द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
उद्घाटन के पूर्व कार्यक्रम स्थल राणी सती मंदिर में बिरसा मुंडा के जन्म स्थली उलिहातु से चलकर आए भगवान बिरसा मुंडा संदेश रथ और बिरसा मुंडा के प्रपौत्र सुखराम मुंडा का ससम्मान स्वागत विभिन्न प्रांतों के समिति अध्यक्षों और पदाधिकारियों द्वारा किया गया. इस रथ में बिरसा मुंडा के संदेश के साथ उनके जन्मस्थली की पवित्र मिट्टी को जनजातीय परंपरा पद्धति के साथ 53 कलशों में डालकर रांची कार्यक्रम स्थल पर लाया गया. इस पवित्र मिट्टी के कलश को देश भर से आए अतिथियों द्वारा अपने-अपने प्रांत में स-सम्मान ले जाया जाएगा.
बिरसा मुंडा के 150वीं जयंती वर्ष के अवसर पर संदेश रथ के द्वारा बिरसा मुंडा के उपदेशों, संदेशों और अंग्रेजों के खिलाफ उनके संघर्ष के गाथा को समाज के समक्ष लाकर जनजाति समाज को जोड़ने, एकता की भावना को मजबूत करने और ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर जनजाति सभ्यता और संस्कृति से लोगों को अवगत करवाया गया. प्रशिक्षण वर्ग में वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर जी द्वारा सुखराम मुंडा का श्रीफल, अंगवस्त्र और शॉल से मंच पर सम्मानित किया गया.
इस वर्ग में वनवासी कल्याण आश्रम के अंतर्गत देश भर के प्रांत इकाइयों के समिति के प्रांत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, महामंत्री और कोषाध्यक्ष भाग ले रहे है. तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण वर्ग में 250 प्रतिनिधि 14 सत्रों में दायित्व बोध के साथ संवैधानिक औपचारिकता, कार्य क्षेत्र के जटिलताओं के समस्या समाधान, योजनाओं के क्रियान्वयन, प्रकल्पों के गुणवत्ता विकास, जनजाति समाज के भावना को समझते हुए उनके सर्वांगीण विकास की परिकल्पना इत्यादि विषयों पर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे.
प्रशिक्षण वर्ग में प्रतिनिधियों के अवलोकन के लिए जनजाति महापुरुषों और जनजातीय संस्कृति और कला पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसमें झारखंड के 33 जनजातीयों की परंपरा, भोजन, कौशल, पर्व, जनजाति महापुरुष वीरो की अंग्रेज़ और ईसाइयों के अत्याचारों से भारत भूमि को मुक्त करने हेतु उनके बलिदान गाथा को प्रदर्शनी में चित्रित किया गया है.









