अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को संध्या अर्घ्य समर्पित, पारंपरिक लोकगीतों की रही धूम
गिरिडीह में छठ महापर्व की तीसरी शाम व्रतियों की भारी भीड़ छठ घाटों पर उमड़ी. अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया गया. महिलाओं ने लोकगीतों से माहौल भक्तिमय बनाया. सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही. घाटों की आकर्षक सजावट हुई. जेल की महिला कैदियों ने भी श्रद्धापूर्वक व्रत-विधान संपन्न किया.

Naxatra News
गिरिडीह, झारखंड : छठ महापर्व की तीसरी शाम संध्या अर्घ्य के लिए व्रतियों की भीड़ छठ घाटों में जमकर दिखी. अस्त होते सूर्य को अर्ध्य देने के लिए लाखों की संख्या में लोग गिरिडीह के छठ घाटों मे जुटे. पुलिस की मुस्तैद सुरक्षा व्यवस्था के बीच छठ घाटों तक जाने वाले रास्तों पर गाड़ियों का परिचालन दो बजे के बाद ठप कर दिया गया था. जिससे व्रतधारियों को परेशानी का सामना न करना पड़े.

अथाह उत्साह और भावनाओं का समंदर संग लिए महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीतों से त्योहार की संध्या और अधिक रौशन कर दीं. जहां व्रती रास्ते पर दंडवत करती घाट तक पहुंचती हैं, वहीं दउरा-सूप लिए अन्य परिवार के सदस्य उनके संग व्रती के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेते हुए गंतव्य तक पहुंचते हैं.

लोक आस्था के पर्व को देखते हुए छठ पूजा समिति के सदस्यों द्वारा छठ घाट की सजावट भी आकर्षक तारीके से की गई है. इस साज-सज्जा में साथ रहा मोंगिया स्टील का भी. सलूजा गोल्ड ग्रुप और कई घाटों की सजावत टफकॉन स्टील द्वारा किया गया. समय बीतने के साथ भगवान सूर्य के अस्त होने के साथ ही व्रती पूजा अर्चना और अर्ध्य प्रदान करने की तैयारी मे जुट गए थे. शुभ मुहुर्त के अनुरूप समयानुसार भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया गया.
बता दें कि छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिसद द्वारा अर्घ्य के लिए दुग्ध वितरण भी किया गया. भक्ति और आस्था का अद्धभुत संगम इस दौरान शहर के छठ घाट अरगाघाट, शिवशक्ति छठ घाट, दिनदयाल घाट, आम घाट, शास्त्री नगर छठ घाट के साथ पचम्बा के बुढ़वा अहार तालाब, सोना अहार तालाब मे देखने को मिला.

गिरिडीह के मंडल कारा में जेल अधीक्षक हिमानी प्रिया की देखरेख में कई जेल की कैदी महिलाओं द्वारा भी व्रत-विधान किया गया.
(रिपोर्ट : मनोज कुमार पिंटू)









