रंका CO पर प्रतिबंधित जमीन का म्यूटेशन, रिश्तेदारों के नाम जमीन हस्तांतरण का आरोप ! ACB से सम्पति जांच की शिकायत
एसीबी को सेंटर फॉर आरटीआई के अध्यक्ष पंकज यादव ने पत्र लिखा है जिसमें उसने कहा है कि सेंटर फॉर आरटीआई राज्यभर में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्य करने वाली संस्था है. संस्था को रंका अंचलाधिकारी द्वारा रंका अंचल में किये गए भ्रष्टाचार व अनियमितता की शिकायत मिली है.

Garhwah: जिले के रंका CO शिव पूजन तिवारी द्वारा प्रतिबंधित और सीएनटी जमीन का म्यूटेशन करने की शिकायत एसीबी से की गई है. उनपर अपने पारिवारिक सदस्यों की प्रतिबंधित सूचि की जमीन की भी म्यूटेशन करने का आरोप है. सभी आरोप सबूतों और तथ्यों के आधार पर एसीबी को उपलब्ध कराए गये हैं.
सेंटर फॉर आरटीआई के अध्यक्ष पंकज यादव ने एसीबी को अपने पत्र में लिखा है कि सेंटर फॉर आरटीआई राज्यभर में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्य करने वाली संस्था है. संस्था को रंका अंचलाधिकारी द्वारा रंका अंचल में किये गए भ्रष्टाचार व अनियमितता की शिकायत मिली है. जहां रंका अंचल अधिकारी शिवपूजन तिवारी ने पैसा लेकर कई प्रतिबंधित सूचि की जमीन का म्यूटेशन तय समय के भीतर कर दिया.
वहीं दर्जनों ऐसे जायज रैयती जमीन जिनका म्यूटेशन एलआरडीसी के आदेश के बाद भी लंबित है. शिवपूजन तिवारी ने ना सिर्फ प्रतिबंधित, अवैध और सीएनटी नेचर के जमीन का म्यूटेशन किया बल्कि अपने रिश्तेदारों के नाम से प्रतिबंधित सूचि के जमीन का भी म्यूटेशन कर दिया. म्यूटेशन केस नम्बर-224/2022-2023 को खरीदी रकबा से ज्यादा रकबा बिक्री कर देने के कारण तत्कालीन सीओ ने अस्वीकृत कर दिया गया था. उसके बाद रंका अंचल अधिकारी शिवपूजन तिवारी ने बिना किसी सक्षम न्यायालय के आदेश के ही नियम कानून को ताक पर रखकर इसे सुधारकर म्यूटेशन कर दिया.
हालांकि एसीबी की जांच में ये स्पष्ट हो जाएगा कि इस प्रकार के कितने प्रतिबंधित व विवादित जमीन का म्यूटेशन अंचलाधिकारी शिवपूजन तिवारी ने की है. रंका अंचलाधिकारी बगैर पैसे लिए एक भी म्यूटेशन तथा जमीन के कार्य नहीं करते हैं. कंप्यूटर ऑपरेटर ओम प्रकाश गुप्ता के Phone Pay पर घूस की रकम ली जाती है. अगर ओमप्रकाश गुप्ता और उनकी पत्नी के अकाउंट की जांच की जाए तो ये स्पष्ट हो जाएगा कि प्रतिदिन एक कंप्यूटर ऑपरेटर के खाते में कहा से पैसा आ रहा है और लोग क्यों इनके खाते में पैसे डाल रहे हैं.
रंका अंचल कार्यालय में ओम प्रकाश गुप्ता के अलावा शाहिद अंसारी नाम के व्यक्ति को अंचल कार्यालय में कार्य करवाने के लिए परेशान आम जनता से वसूलने के लिए रखा गया है. रजिस्टर 2 में छेड़-छाड़ और जमीन में हेरा फेरी सहित अवैध व प्रतिबंधित भूमि को दुरुस्त करने की सलाह के लिए संजय तिवारी नामक व्यक्ति को रखा गया है. संजय तिवारी को गोपनीय अभिलेखों को देखने, पढ़ने और उसमे परिवर्तन कैसे करना है उसकी इजाजत है, पर वो अंचलकर्मी नहीं हैं.
अंचल कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज में भी इस व्यक्ति को प्रतिदिन आते जाते देखा जा सकता है. अंचल अधिकारी शिवपूजन तिवारी द्वारा पत्थर खनन पट्टा का एनओसी देने में भी अनियमितता बरती गयी है. अंचलाधिकारी के भ्रष्टाचार के फेरहिस्त की सूचि काफी लम्बी है. उन्होंने भ्रष्टाचार की अवैध कमाई से पिछले तीन वर्षो में अपने व अपने रिश्तेदारों के नाम से रांची सहित अन्य जगहों पर कई अचल सम्पति की खरीद की है.
पंकज यादव का कहना है कि मैं एसीबी कार्यालय को कई अन्य सबूत व तथ्य उपलब्ध कराने के लिए हमेशा उपलब्ध हूं. अतः आपसे निवेदन है कि रंका के अंचल अधिकारी शिवपूजन तिवारी के पूरे कार्यकाल में बरती गई अनियमितता की जांच करते हुए उनके व उनके परिवार के द्वारा अर्जित अवैध सम्पति की जांच करने की कृपा करेंगे !
रिपोर्ट- अतुल धर दुबे









