On This Day 25th Dec: भारत के 10वें प्रधानमंत्री का आज ही हुआ था जन्म, क्रिसमस के इतिहास की क्या है दास्तान!
पूरे विश्व में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार प्रभु यीशु को समर्पित है. 25 दिसंबर को मान्यता है कि यीशु ने आज ही जन्म लिया था. इसके साथ भारतीयों के दृष्टिकोण से आज का दिन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि सबके चहेते प्रधानमंत्री अटल जी ने आज के दिन ही जन्म लिया था.

On This Day: भारत के अमूल्य रत्न, भूतपूर्व प्रधानमंत्री, अटल व्यक्तित्व और भारत के 10वें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज जयंती है. जिनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. वे हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे. वर्ष 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद अटल जी के जन्म दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाना तय किया गया.
पिता-पुत्र साथ करते थे पढ़ाई
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ. उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी स्वयं शिक्षक और कवि प्रवृत्ति के थे, जिसका प्रभाव अटल जी के व्यक्तित्व पर साफ दिखा. एक रोचक घटना उनके विद्यार्थी जीवन से जुड़ी है कि वे अपने पिता के साथ पढ़ाई किया करते थे. दरअसल लॉ की पढ़ाई के दौरान डीएवी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उनके पिता भी उनके साथ ही रहा करते थे. बाद में जब बाकी लोगों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने अपना कमरा बदल लिया था.
अटल जी के कार्यकाल की एक अभूतपूर्व घटना - पोखरण
1998 में अटल सरकार ने पोखरण परमाणु परीक्षण कर भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की कतार में खड़ा किया. यह फैसला अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद लिया गया और इतिहास बन गया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना अटल जी की दूरदर्शी सोच का परिणाम थीं. इन्हीं परियोजनाओं ने भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा दी.
पाकिस्तान से सम्बन्धों में सुधार की पहल
19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की गई. इस सेवा का उद्घाटन करते हुए प्रथम यात्री के रूप में वाजपेयी जी ने पाकिस्तान की यात्रा करके नवाज़ शरीफ से मुलाकात की और आपसी सम्बन्धों में एक नयी शुरुआत की.
कारगिल युद्ध
कुछ ही समय पश्चात पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज़ मुशर्रफ की शह पर पाकिस्तानी सेना व उग्रवादियों ने कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ करके कई पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लिया. अटल सरकार ने पाकिस्तान की सीमा का उल्लंघन न करने की अन्तरराष्ट्रीय सलाह का सम्मान करते हुए धैर्यपूर्वक किन्तु ठोस कार्यवाही करके भारतीय क्षेत्र को मुक्त कराया. इस युद्ध में प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण भारतीय सेना को जान माल का बहुत नुकसान हुआ और पाकिस्तान के साथ शुरु किए गए सम्बन्ध सुधार एकबार पुनः शून्य हो गए.
क्रिसमस से जुड़ा इतिहास
पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाने वाला पर्व - क्रिसमस. जो प्रभु यीशु के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि प्रभु यीशु का जन्म आज के ही दिन हुआ था. हालांकि बाइबिल में भी इसकी पुष्टि कहीं नहीं मिलती. लेकिन रोमन साम्राज्य द्वारा 25 दिसंबर को सूर्य देव (सोल इनविक्टस) के त्योहार के रूप में मनाया जाता था.
क्रिसमस को यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. ईसाई मान्यता के अनुसार, यीशु मसीह ईश्वर के पुत्र थे और उन्हें मानवता का उद्धारकर्ता माना जाता है. उन्होंने प्रेम, क्षमा, सेवा और बलिदान का मार्ग दिखाया. यह त्योहार उनके जीवन और शिक्षाओं की याद में मनाया जाता है, ताकि समाज में करुणा और भाईचारे की भावना बनी रहे. यह समय शीतकालीन संक्रांति के साथ मेल खाता है, जब दिन लंबे होने लगते हैं. चौथी शताब्दी में, चर्च ने यीशु मसीह के जन्मदिन को 25 दिसंबर से जोड़ा, ताकि सूर्य के प्रकाश के त्योहार को आध्यात्मिक प्रकाश, यानी अंधेरे के बाद प्रकाश के प्रतीक में बदला जा सके.
क्रिसमस पहली बार कब और कहाँ मनाया गया था?
क्रिसमस पहली बार औपचारिक रूप से चौथी शताब्दी में रोम में मनाया गया था. इसका पहला लिखित उल्लेख 336 ईस्वी का है. उसके बाद, यह त्योहार समय के साथ यूरोप और फिर पूरी दुनिया में फैल गया. क्रिसमस भारत में पुर्तगाली और ब्रिटिश मिशनरियों के साथ आया, और इसकी जड़ें गोवा, केरल और पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़ी हुई हैं.









