झारखंड के यूनिवर्सिटी में पिछले 6 सालों से नहीं हुए चुनाव, छात्रों ने कहा- चुनाव न कराना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ
आखिरी बार साल 2019 में छात्र संघ का चुनाव कराये गए थे उसके बाद से अब तक यह चुनावी प्रक्रिया ठप पड़ी है. लेकिन अब छात्रों में गहरा असंतोष है.

Ranchi: रांची यूनिवर्सिटी...जहां कभी छात्र संघ चुनाव के पोस्ट, नारे और बहसों का दौर देखा जाता था लेकिन अब वहां खामोशी है वजह है कि झारखंड के सभी सरकारी यूनिवर्सिटी में पिछले 6 सालों से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं. आखिरी बार साल 2019 में छात्र संघ का चुनाव कराये गए थे उसके बाद से अब तक यह चुनावी प्रक्रिया ठप पड़ी है. लेकिन अब छात्रों में गहरा असंतोष है. छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि छात्र संघ का चुनाव न होना विश्व विद्यालय में लोकतांत्रिक परंपरा पर गहरी चोट है.
पिछले कई वर्षों से ठप पड़ी छात्र संघ की चनावी प्रक्रिया को लेकर छात्रों का कहना है ये सिर्फ चुनाव का मामला नहीं है बल्कि उनकी आवाज और प्रतिनिधित्व का सवाल है कई कॉलेजों में अब भी पुराने प्रतिनिधियों के सहारे काम चल रहा है जिनका कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है.
स्टूडेंट राकेश रौशन ने कहा छात्र संघ चुनाव इसलिए जारी है क्योंकि स्टूडेंट को अनुशासन में रखने के लिए जैसे कॉलेज प्रशासन जरूरी है वैसी ही कॉलेज प्रशासन को अनुशासन में रखने के लिए स्टूडेंट यूनियन (छात्र संघ) जरुरी है.
इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कोविड और प्रशासनिक कारणों से प्रक्रिया रुकी थी. रांची यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू डॉ. सुदेश कुमार साहू का कहना है कि फिलहाल विश्वविद्यालय प्रभारी कुलपति के अधीन चल रहा है. जैसे ही स्थायी कुलपति की नियुक्ति होगी और सरकार से अधिसूचना मिलेगी चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
छात्रों ने कहना है कि चुनाव न होना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है. उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार जल्द अधिसूचना जारी करें, ताकि विश्वविद्यालयों में फिर से लोकतंत्र की आवाज़ बुलंद हो सकें. छात्रों का मानना है कि चुनाव से संवाद और समाधान की राह बनती है, और जब तक निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं होंगे, तब तक छात्रों की असली समस्याएं अनसुनी ही रहेंगी.
रिपोर्ट- यशवंत कुमार









