सोना-चांदी उछले: दिसंबर की पहली शाम में दामों ने बदली चाल
1 दिसंबर 2025 को भारत में सोना और चांदी के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार की हलचल, कमजोर डॉलर और शादी सीज़न की बढ़ी मांग के कारण तेजी से बढ़े. सोना ₹1,28,800/10 ग्राम और चांदी ₹1,78,600/किग्रा पहुंच गई. विशेषज्ञ आगे भी उतार-चढ़ाव और संभावित बढ़त की आशंका जता रहे हैं.

BUSINESS DESK: 1 दिसंबर 2025 को भारत में सोना और चांदी दोनों के दामों में तेज़ बढ़त देखने को मिली. दिन भर के उतार-चढ़ाव के बाद शाम 6 बजे तक 24 कैरेट सोना लगभग ₹1,28,800 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया, जबकि चांदी की कीमतें जबरदस्त छलांग लगाकर करीब ₹1,78,600 प्रति किलोग्राम पर बंद हुईं. यह बढ़ोतरी लगातार तीसरे दिन जारी रही, जिससे खरीदारों और निवेशकों के बीच हलचल बढ़ गई है.
कीमतें क्यों बढ़ीं?
सोने और चांदी के दामों में तेजी की मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में चल रही हलचल है. आने वाले दिनों में अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है, जिसके कारण डॉलर थोड़ा कमजोर हुआ है. डॉलर के कमजोर होते ही दुनिया भर में सोने और चांदी की मांग बढ़ जाती है, क्योंकि लोग इसे सुरक्षित निवेश मानते हैं. भारत में दूसरी बड़ी वजह है शादी-विवाह का मौसम, जिसमें आभूषणों की खरीद बढ़ जाती है. ज्वेलर्स का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में मांग बढ़ने से घरेलू कीमतों में और तेजी देखने को मिली है.
दाम (भारत में औसत, 1 दिसंबर शाम तक)
24 कैरेट सोना (10 ग्राम): ₹1,28,800
22 कैरेट सोना (10 ग्राम): लगभग ₹1,17,900
चांदी (1 किग्रा): ₹1,78,600 – कुछ शहरों में ₹1,80,000 के पार
Note: ध्यान रहे कि दाम शहर और टैक्स के हिसाब से थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकते हैं.
खरीदारों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी आने वाले दिनों में भी बनी रह सकती है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता नहीं है. हालांकि, अचानक मुनाफा वसूली से कीमतें थोड़ी गिर भी सकती हैं. इसलिए जो लोग निवेश के लिए सोना-चांदी खरीदना चाहते हैं, वे जल्दबाज़ी न करें और भरोसेमंद ज्वेलर से रेट की पुष्टि करने के बाद ही खरीदारी करें. जेवरात खरीदने वालों के लिए यह समय थोड़ा महंगा हो सकता है, लेकिन कीमतें और बढ़ने की संभावना को देखते हुए बहुत इंतजार करना भी नुकसानदायक हो सकता है.
आगे क्या?
आज के दामों को देखकर यह साफ है कि सोना-चांदी दोनों एक नए रफ्तार पर हैं. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार, डॉलर की चाल और अमेरिका के आर्थिक फैसलों पर आने वाले दिनों में इनके दाम काफी हद तक निर्भर करेंगे.









