'वीर बिरसा मुंडा साइक्लोथॉन' की टीम ने बिरसा के जीवन संघर्ष से ली प्रेरणा, मनाई गई 150वीं जयंती
भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से जुड़ी बातों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास, संघर्षशील घटनाओं पर चर्चा. ये क्रियाएं नवजवानों को प्रेरित करने का काम बखूबी करती हैं. 'वीर बिरसा मुंडा साइक्लोथॉन' की टीम व प्रतिभागियों द्वारा बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में उन्हें याद किया, और उनसे प्रेरणा लेकर अपने सफर की शुरुआत की.

JHARKHAND (RANCHI): वीर बिरसा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित 'वीर बिरसा मुंडा साइक्लोथॉन' की टीम प्रथम चरण के दूसरे दिन बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु से रांची के लिए रवाना हुई. इस दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. इसके जरिए वीर बिरसा की प्रेरमादायी जीवनी को दिखलाने का प्रयास किया गया.

उक्त कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में खूंटी पुलिस अधीक्षक आर. रोनीटो (उपायुक्त, खूंटी) और प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश महतो की गरिमामई उपस्थिति रही. अतिथियों का स्वागत कर्नल सुदीप सिन्हा द्वारा किया गया. उनके द्वारा बिरसा मुंडा के वंशज के साथ अन्य सभी का स्वागत व अभिवादन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी पर संक्षिप्त प्रकाश डाला.
उन्होंने भगवान बिरसा को सिर्फ झारखंड का नहीं वरन देश और दुनिया का प्रेरणाश्रोत बतलाया. अतिथियों ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपना संबोधन भगवान बिरसा को समर्पित किया. मुख्य अतिथि आर. रोनीटो ने कहा- भगवान बिरसा ने आदिवासियों के अधिकार की रक्षा के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया. ये उनकी वीरता तो है ही साथ ही उनका जीवन संघर्ष का परिचायक भी है. प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश महतो ने वीर बिरसा को जल, जंगल और जमीन का रक्षक बतलाया.
इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों एवं पदाधिकारियों द्वारा भगवान बिरसा के वंशजों को सम्मानित किया गया. वहीं उपहार स्वरूप जीवनयापन की कुछ आवश्यक सामग्रियां भी भेंट दी गई. कार्यक्रम के बाद मुख्य अतिथि एवं उपस्थित अन्य अतिथियों द्वारा सभी प्रतिभागियों को रांची के लिए रवाना किया गया.









