आज 76वां राष्ट्रीय संविधान दिवस मना रहा देश, पुराने संसद भवन में राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन
प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है इस दिन को पहले राष्ट्रीय कानून दिवस के रुप में मनाया जाता था. लेकिन अब इस दिवस को देश के लोग संविधान दिवस के रुप में मनाते है

76th Constitution Day of India: आज देश भर में 76वां राष्ट्रीय संविधान दिवस (Constitution Day) मनाया जा रहा है. बता दें, देश में प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है इस दिन को पहले राष्ट्रीय कानून दिवस के रुप में मनाया जाता था. लेकिन अब इस दिवस को देश के लोग संविधान दिवस के रुप में मनाते है.
संविधान दिवस 2025 के अवसर पर आज बुधवार (26 नवंबर 2025) को नई दिल्ली स्थित पुराने संसद भवन में राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है यह ऐतिहासिक कार्यक्रम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अध्यक्षता में संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया जा रहा है. जिसमें उप राष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री और दोनों सदनों के सांसद शामिल हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पढ़ी संविधान की प्रस्तावना
कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए राष्ट्रपति ने कहा - 'हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को: सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय; विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता; प्रतिष्ठा और अवसर की समता; प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर, अपनी संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई. को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं.'
9 भाषाओं में संविधान के अनुवाद का लोकार्पण
राष्ट्रपति ने संविधान का ट्रांसलेटेड वर्जन यानी कि संविधान को डिजिटल रूप से मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया, असमिया और मलयालम जैसी 9 भाषाओं में जारी किया. और संविधान के अनुवाद का लोकार्पण किया. मौके पर राष्ट्रपति ने कहा आज का दिन पूरे देश संविधान निर्माताओं के प्रति आदर व्यक्त करते हैं.
भारत माता के लोकतंत्र के मुकुट में एक और अनमोल हीरा जोड़ दिया- उपराष्ट्रपति
राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि यह उन देशवासियों की सामूहिक बुद्धिमत्ता, त्याग और सपनों का प्रतीक है, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई लड़ी. महान विद्वानों, ड्राफ्टिंग कमेटी और संविधान सभा के सदस्यों ने करोड़ों भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गहन और सुदूरदर्शी विचार दिए. उनके निःस्वार्थ योगदान ने भारत को आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया है. उन्होंने आगे कहा, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद 2024 में हुए चुनावों में बड़ी संख्या में मतदान ने दुनिया को एक बार फिर हमारे लोकतंत्र में विश्वास दिखा दिया. हाल ही में हुए बिहार चुनाव में खासकर महिलाओं के भारी उत्साह और बड़ी संख्या में मतदान ने भारत माता के लोकतंत्र के मुकुट में एक और अनमोल हीरा जोड़ दिया है.
लोकसभा स्पीकर ने संविधान सभा को किया याद
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संविधान सभा को याद करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया. मौके पर उन्होंने कहा कि संविधान सभा का केंद्रीय कक्ष वह स्थान है, जहां संवाद और विचार मंथन के बाद संविधान को आकार दिया गया. जनता की आकांक्षाओं को ध्यान में रखा गया.









