दिशोम गुरु को समर्पित JEE-NEET संस्थान का CM ने किया उद्घाटन, विद्यार्थियों को मिलेगी नि:शुल्क कोचिंग सुविधा
दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नाम से रांची के हिंदपीढ़ी में JEE एवं NEET कोचिंग संस्थान का विधिवत उद्घाटन किया गया. इस संस्थान के जरिए आदिवासी, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को कोचिंग की सुविधा नि:शुल्क प्रदान की जाएगी.

JHARKHAND (RANCHI): मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी स्थित “दिशोम गुरु शिबू सोरेन इंजीनियरिंग (JEE) एवं मेडिकल (NEET) कोचिंग संस्थान” का विधिवत उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने शिबू सोरेन की प्रतिमा का अनावरण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. सीएम ने संस्थान परिसर का निरीक्षण किया तथा विद्यार्थियों से संवाद कर उनके उत्साह और मनोबल को बढ़ाया.

उन्होंने कहा कि झारखंड की नई पीढ़ी को अपने सपनों को साकार करने के लिए अब राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. “राज्य के बच्चे अब उच्चस्तरीय कोचिंग सुविधा यहीं रांची में प्राप्त करे पाएंगे”. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बनेगा. उन्होंने विद्यार्थियों से अपनी भाषा, संस्कृति और परंपरा को साझा करने का आग्रह किया, जिससे झारखंड की विविधता और एकता को और बल मिले.

योग्य अभ्यर्थियों को मिलेगा पुनः अवसर, शिक्षा और खेल से होगा सर्वांगीण विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन अभ्यर्थियों को पुनः अवसर प्रदान किया जाएगा, जो एबिलिटी टेस्ट में मामूली अंतर से पीछे रह गए थे. उन्होंने कहा कि कई बार परिस्थितिजन्य कारणों से विद्यार्थी अपनी वास्तविक क्षमता प्रदर्शित नहीं कर पाते, इसलिए उन्हें दोबारा अवसर देना एक न्यायोचित और प्रेरणादायक कदम होगा. इससे न केवल अधिक विद्यार्थियों को मंच मिलेगा, बल्कि राज्य की प्रतिभा का दायरा भी विस्तृत होगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संस्थान में खेलकूद संबंधी व्यवस्थाओं को भी सुदृढ़ करने का निर्देश दिया. उन्होंने शिक्षा सहित खेलकूद, अनुशासन व प्रतिस्पर्धी सोच के विकास को भी महत्वपूर्ण बताया.

"झारखंड की शिक्षा योजनाएं, हर छात्र के सपनों को दे रही है नई उड़ान"
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी साधन है. इसी सोच के अनुरूप राज्य में विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनका प्रत्यक्ष लाभ लाखों विद्यार्थियों तक पहुंच रहा है. उन्होंने बताया कि 'सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना' के माध्यम से किशोरियों को न केवल शिक्षा का अवसर प्राप्त हो रहा है, बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरणा मिल रही है. इसी प्रकार प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं से पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति-जनजाति एवं अल्पसंख्यक समुदायों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक संबल मिल रहा है.

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास आने वाले समय में झारखंड को शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में स्थापित करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प स्पष्ट है - “हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, हर युवा तक अवसर की पहुंच.”

इस अवसर पर मंत्री चमरा लिंडा, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, विकास आयुक्त अजय कुमार सिंह, सचिव कृपानंद झा, आदिवासी कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी, जिले के उपायुक्त, उप-विकास आयुक्त सहित तमाम पदाधिकारीगण तथा सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.









