गिरिडीह में भी दो जिलाध्यक्ष के चयन में BJP कर सकती है नया प्रयोग, दो पूर्व विधायक के मौजूदगी में रायशुमारी
अब गिरिडीह के दो नए जिलाध्यक्ष के लिए भी हो सकता है. वैसे तो प्रदेश कमेटी में भी बदलाव तय माना जा रहा है. लेकिन आबादी के लिहाज से गिरिडीह में अब दो जिलाध्यक्ष पदों का सृजन भी तय है.

Giridih: नए प्रयोग के लिए अब भाजपा चर्चित है. और माना जा रहा है कि नया प्रयोग अब गिरिडीह के दो नए जिलाध्यक्ष के लिए भी हो सकता है. वैसे तो प्रदेश कमेटी में भी बदलाव तय माना जा रहा है. लेकिन आबादी के लिहाज से गिरिडीह में अब दो जिलाध्यक्ष पदों का सृजन भी तय है. इसमें महानगर तो दूसरा ग्रामीण है.
लिहाजा, दोनों जिलाध्यक्ष के लिए ज़ब रायशुमारी हुआ. तो कई ने महानगर अध्यक्ष के साथ ग्रामीण जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश किया. दावेदारी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के करीबी में अजय रंजन, प्रदेश मंत्री दिलीप वर्मा, संदीप डंगाइच, संजीत सिंह पप्पु, रंजीत राय, सुभाष सिन्हा समेत कई अन्य दावेदार है.
वहीं रायशुमारी में पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी, राजमहल के पूर्व विधायक अनंत ओझा भी बतौर पर्यवेक्षक शामिल हुए. रायशुमारी में किसे क्या हासिल हुए, ये तो लिफाफा में बंद हो गया, लेकिन उलझन इस बात को लेकर भी कही प्रदेश नेतृत्व फिर कोई नया प्रयोग इस बार गिरिडीह के नाम पर ना कर दें, और पार्टी कार्यकर्ताओं को चौका ना दें. क्योंकि वर्तमान जिलाध्यक्ष महादेव दुबे को लेकर पार्टी में बड़ी नाराजगी है. और पार्टी में नाराजगी के बाद भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के सिफारिश पर महादेव दुबे के सर पर जिलाध्यक्ष का ताज़ सजा हुआ था.
जबकि प्रदेश के कई शीर्ष नेतृत्व हर हाल में वर्तमान जिलाध्यक्ष महादेव दुबे को पद से हटाने तक का अनुशंसा कर चुके थे, लेकिन सर पर बाबूलाल जी का हाथ रहने के कारण कोई मुखर हो कर बोल भी नहीं पा रहा था, और अब ज़ब रायशुमारी हुआ. तो गिरिडीह के कार्यकर्ताओं ने भी वर्तमान जिलाध्यक्ष महादेव दुबे से राहत लेने मिलने का सांस लिया. वहीं गिरिडीह को दो भागो में बांटकर दो जिलाध्यक्ष के पद सृजन करने पर भी पार्टी ने अभियान शुरू कर दिया है इसमें गिरिडीह महानगर में गिरिडीह विस के साथ गांडेय और डुमरी के कुछ मंडल शामिल किए गए है. जबकि ग्रामीण में जमुआ, धनवार, बगोदर, तिसरी, देवरी समेत अन्य प्रखंड शामिल है.
रिपोर्ट- मनोज कुमार पिंटू









