RIMS की जमीन पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण मामले में अब जांच करेगी ACB, झारखंड हाईकोर्ट ने दिया आदेश
RIMS की जमीन पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) से जांच कराने का आदेश दिया है. इसके साथ ही दोषियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है.

Ranchi: झारखंड की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य संस्था RIMS से जुड़ी जमीन पर हुए अतिक्रमण और अवैध निर्माण मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. बता दें, इस पूरे मामले में जांच के लिए अब अदालत ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) से कराने का आदेश दिया है. साथ ही दोषियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं.
हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि RIMS के लिए अधिगृहित जमीन की अवैध खरीद-बिक्री, नक्शा पास कराने और बैंकों द्वारा फ्लैट खरीद के लिए लोन देने तक में गंभीर गड़बड़ियां हुई हैं. अदालत ने पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने और एसीबी से जांच कराने का आदेश दिया है. साथ ही जिन आम लोगों के साथ जालसाजी हुई है और जिन्होंने कर्ज लेकर फ्लैट खरीदे, उन्हें मुआवजा देने के निर्देश भी दिए हैं.
कोर्ट का आदेश- पीड़ितों को दिलाया जाना चाहिए मुआवजा
वहीं, इस संबंध में जानकारी देते हुए झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया और कहा कि RIMS की अधिगृहित जमीन पर अतिक्रमणकारियों और भू-माफियाओं द्वारा जमीन कब्जा कर उनपर निर्माण कराए जाने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई हुई.
इस दौरान खंडपीठ ने राज्य के अलग-अलग विभागों जिसमें जिला प्रशासन, राजस्व कर्मचारी, रांची नगर निगम, रेर और भू- माफियाओं की मिली भगत को देखते हुए इस मामले की जांच एसीबी से कराने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही खंडपीठ ने यह भी कहा है कि यदि मामले में कोई दोषी पाया जाता है तो उसपर कार्रवाई हो और पीड़ितों को उन सभी से मुआवजा दिलाया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि मामले में अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 6 जनवरी 2026 की तिथि निर्धारित की गई है.
रिपोर्ट- यशवंत कुमार









