कर्पूरी ठाकुर के नाम पर सियासी संग्राम: कांग्रेस ने पीएम मोदी और भाजपा पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे और कर्पूरी ठाकुर के जन्मस्थान जाने पर कांग्रेस ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है. जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि जनसंघ, जिससे भाजपा बनी, ने 1979 में ठाकुर की सरकार इसलिए गिराई थी क्योंकि उन्होंने पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिया था.

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कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए भाजपा पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि “क्या यह मानी हुई बात नहीं है कि जनसंघ, जिससे भाजपा बनी, ने अप्रैल 1979 में बिहार में कर्पूरी ठाकुर की सरकार गिरा दी थी क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण लागू किया था?” रमेश ने कहा कि भाजपा आज उन्हीं कर्पूरी ठाकुर के नाम पर राजनीति कर रही है, जिनके सामाजिक न्याय के कदमों का कभी जनसंघ ने विरोध किया था.
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी ‘डबल इंजन सरकार’ ने बिहार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार केवल प्रतीकात्मक राजनीति में लगी है जबकि सामाजिक न्याय और समान अवसरों के असली मुद्दों से बचती रही है.
कर्पूरी ठाकुर को सामाजिक न्याय का प्रतीक माना जाता है. उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की ऐतिहासिक पहल की थी, जिसने बिहार की राजनीति की दिशा बदल दी थी. अब प्रधानमंत्री मोदी का उनके जन्मस्थान पर जाना कांग्रेस के अनुसार केवल राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश है, जबकि असल में भाजपा की विचारधारा उनके सिद्धांतों के खिलाफ रही है.









