50 लाख की मशीनें और एक हजार टन माइका जब्त; अवैध कारोबारियों को बड़ा आर्थिक झटका
गिरिडीह में अवैध माइका कारोबार पर बड़ी कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने एक गोदाम से करीब 1,000 टन माइका और 50 लाख रुपये मूल्य की मशीनें जब्त कीं. ताला तोड़कर और दीवार गिराकर की गई इस छापेमारी में तैयार स्टॉक मिला. गोदाम संचालक की पहचान की प्रक्रिया जारी है.

JHARKHAND (GIRIDIH): शुक्रवार देर शाम गुप्त सूचना पर खोरीमहुआ एसडीएम अनिमेष रंजन और एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में जिला पुलिस ने तीसरी थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल के निकट स्थित माइका गोदाम में छापेमारी कर अवैध कारोबार का बड़ा भंडाफोड़ किया. कार्रवाई के दौरान लगभग 50 लाख रुपये मूल्य की मशीनें और करीब 1,000 टन अवैध माइका जब्त किया गया.
ताला तोड़कर और दीवार गिराकर टीम ने किया प्रवेश
सूचना मिलने पर अधिकारी दल गोदाम पहुँचा, लेकिन मुख्य गेट पर ताला लगा था. एसडीएम के निर्देश पर ताला तोड़ा गया, जिसके बाद पता चला कि गेट के अंदर भी एक बड़ी दीवार बनाकर अवैध गतिविधियों को छिपाने की कोशिश की गई थी. टीम ने दीवार भी गिराई और अंदर प्रवेश किया. अंदर पहुँचते ही माइका कटिंग और प्रोसेसिंग के लिए लगी महंगी मशीनें मिलीं. अधिकारियों के अनुसार, इन मशीनों की अनुमानित कीमत 25–30 लाख रुपये है.
500 से अधिक बोरों में भरा मिला तैयार माइका स्टॉक
गोदाम के दूसरे हिस्से में 500 से अधिक बोरों में तैयार माइका भरा हुआ मिला. प्रारंभिक जांच में टीम ने अनुमान लगाया कि इन बोरों में लगभग 1,000 टन माइका है, जिसकी कीमत 25 लाख रुपये से अधिक आँकी जा रही है. यह पूरा माल कथित तौर पर मांग के अनुसार बाहर भेजने की तैयारी में था.
गोदाम संचालक की पहचान शुरू, मौके पर CCTV लगाने का निर्देश
एसडीएम अनिमेष रंजन ने बताया कि गोदाम संचालक और मालिक की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मालूमात मिलते ही संबंधित लोगों पर केस दर्ज किया जाएगा. जप्त सामग्री और मशीनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसडीएम ने पूरे गोदाम परिसर में CCTV कैमरे लगाने का निर्देश दिया है.
अधिकारियों की मौजूदगी में दो घंटे तक चली कार्रवाई
इस कार्रवाई में तीसरी अंचलाधिकारी, थाना प्रभारी और बड़ी संख्या में पुलिस जवान शामिल रहे. पूरी टीम ने करीब दो घंटे तक संयुक्त रूप से तलाशी अभियान चलाया. अधिकारियों का मानना है कि इतनी बड़ी मात्रा में माइका और मशीनरी से पता चलता है कि यह लंबे समय से चल रहा अवैध रैकेट था.
रिपोर्ट: मनोज कुमार पिंटू / आनंद बरनवाल









