गिरिडीह में जमीन विवाद ने लिया हिंसक रूप: खेत में धान काटने को लेकर दो पक्षों में खूनी झड़प, 19 लोग घायल
गिरिडीह जिले के बिरनी थाना क्षेत्र के जरिडीह गांव में बुधवार को जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया. मामला बढ़कर मारपीट तक पहुंच गया, जिससे 19 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. फिलहाल क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है.

Naxatra News
गिरिडीह, झारखंड : गिरिडीह जिले के बिरनी थाना क्षेत्र के जरिडीह गांव में बुधवार को जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया. इस झड़प में दोनों ओर से धारदार हथियारों का प्रयोग किया गया, जिससे 19 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. विवादित जमीन का मामला गिरिडीह कोर्ट में पहले से लंबित है, इसके बावजूद एक पक्ष द्वारा खेत में धान काटने को लेकर यह विवाद हिंसक रूप ले लिया.
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार की सुबह एक पक्ष के लोग उस विवादित खेत में धान की कटाई कर रहे थे. तभी दूसरे पक्ष के शंकर महतो अपने परिवार के सदस्यों के साथ वहां पहुंच गए और इसका विरोध किया. विरोध के दौरान देखते ही देखते दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हो गई, जो धीरे-धीरे मारपीट में बदल गई. इस दौरान दोनों ओर से लाठी, तलवार, फरसा और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया गया.
इस हमले में सीताराम वर्मा, सहोदरी देवी, छोटू यादव, दीनदयाल वर्मा, सरिता वर्मा, शंकर वर्मा, सविता देवी, अमन वर्मा, श्रीकांत वर्मा, युगल यादव सहित कुल 19 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी घायलों को तत्काल बिरनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहाँ उनका इलाज चल रहा है. कुछ की स्थिति नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल रेफर किया गया है.
घटना की सूचना मिलते ही बिरनी थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और किसी तरह दोनों पक्षों को शांत कराया. पुलिस ने घटनास्थल से कुछ धारदार हथियार भी बरामद किए हैं. फिलहाल क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है.
पुलिस ने बताया कि जमीन विवाद से संबंधित मामला पहले से कोर्ट में विचाराधीन है. बावजूद इसके, एक पक्ष द्वारा खेत में धान काटने की कोशिश ने विवाद को फिर से भड़का दिया. अधिकारियों ने कहा कि दोषियों की पहचान की जा रही है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.
गांव में इस घटना को लेकर दहशत का माहौल है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे विवादित मामलों में सख्ती बरती जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
(रिपोर्ट - मनोज कुमार पिंटू)









