JSSC CGL पेपर लीक का मास्टरमाइंड विनय साह गिरफ्तार, नेपाली सिम से छिपा रहा था लोकेशन
JSSC CGL पेपर लीक के मुख्य आरोपी विनय साह को यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर से गिरफ्तार किया. लंबे समय से फरार विनय नेपाली सिम का उपयोग कर लोकेशन छिपा रहा था. पूछताछ में उसने रांची के होटल में रची गई साजिश और नेपाल ले जाकर अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र रटवाने की बात कबूल की.

NAXATRA NEWS
RANCHI: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की CGL परीक्षा पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी विनय साह उर्फ हरिहर सिंह को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. लंबे समय से फरार चल रहे विनय अपनी लोकेशन छिपाने के लिए नेपाली सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था.
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने उसे गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के हनुमंत नगर कॉलोनी में दबिश देकर पकड़ा. विनय पूर्वोत्तर रेलवे में यांत्रिक कारखाने में सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत था. सरकारी नौकरी की आड़ में वह लगातार ठिकाने बदलकर पुलिस से बचता फिर रहा था.
झारखंड क्राइम ब्रांच ने जनवरी 2025 में उसके खिलाफ बीएनएस की गंभीर धाराओं और प्रतियोगी परीक्षा अधिनियम 2023 के तहत केस दर्ज किया था. सूत्रों के मुताबिक, विनय की गिरफ्तारी के लिए झारखंड पुलिस की एक विशेष टीम ने यूपी एसटीएफ से सहयोग मांगा था. कई दिनों की निगरानी के बाद एसटीएफ ने उसे घेराबंदी कर हिरासत में ले लिया.
पूछताछ के दौरान विनय ने स्वीकार किया कि 22 सितंबर 2024 को हुई JSSC CGL परीक्षा का पेपर उसी ने अपने साथियों - मनोज कुमार, शशिभूषण दीक्षित और संदीप त्रिपाठी - के साथ मिलकर लीक कराया था. रांची के जे स्क्योर होटल में पूरी साजिश रची गई थी. अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले मोतिहारी-रक्सौल बॉर्डर के रास्ते नेपाल ले जाकर प्रश्नपत्र रटवाए गए थे. इसके बदले मनोज ने विनय के बैंक खाते में 1 लाख रुपये भेजे थे.
गिरफ्तारी के समय उसके पास से नेपाली और भारतीय सिम कार्ड बरामद किए गए. एसटीएफ ने उसे शाहपुर थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिया है. अब झारखंड पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर रांची लेकर जाएगी और आगे की पूछताछ करेगी.
विनय साह मूल रूप से रांची का निवासी है और गोरखपुर में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था. पुलिस को उम्मीद है कि उसकी गिरफ्तारी से पेपर लीक गिरोह के और सदस्यों का खुलासा होगा.









