बिहार से अचानक गायब हो रही लड़कियां ! 6 महीनों में अब तक 100 से अधिक लड़कियां लापता, मामला पहुंचा NHRC
बिहार की लड़कियां अचानक गायब हो रही है बात करें पिछले 6 महीनों की तो अबतक करीब 100 से अधिक लड़कियां गायब हो चुकी है. लड़कियों के गायब होने का यह मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास पहुंचा गया है.

Muzaffarpur: बिहार की लड़कियां अचानक गायब हो रही है. पिछले 6 महीनें में अबतक करीब 100 से अधिक लड़कियां और महिलाएं गायब हो गई है. यह मामला अब NHRC (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग) पहुंच गया है.
दरअसल, इस गंभीर मामले को लेकर मानवाधिकार अधिवक्ता डॉ एसके झा ने आयोग को अवगत कराया है उन्होंने बताया कि बिहार के मोतिहारी सहित नेपाल बॉर्डर से सटे कई जिलों में अंतर्राष्ट्रीय गिरोह और मानव तस्कर गिरोह सक्रिय है जो लड़कियों को इलाके से गायब करने का काम कर रहा है. अधिवक्ता ने इस आपराधिक मामले में शिकायत दर्ज करते हुए आयोग से उच्च स्तरीय कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जानकारी और आंकड़ा आयोग को उपलब्ध कराया है.
अबतक सिर्फ 17 लड़कियों का रेस्क्यू, बाकी लापता
बता दें, मुजफ्फरपुर के मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि बिहार से लड़कियां अचानक गायब हो रही है. पिछले 6 महीनें में अबतक करीब 100 से अधिक युवतियां और महिलाएं गायब हो चुकी है जिसका अबतक कोई भी सुराग नहीं मिल पाया है. पुलिस रेस्क्यू में अबतक 17 लोगों को रिकवर किया गया है लेकिन बाकी अन्य अब भी गायब है. पिछले 4 से 5 सालों से पूरे बिहार के सीमावर्ती इलाकों में जांच की गई तो उसमें पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर में इंटरनेशनल गैंग और मानव तस्कर गिरोह काफी सक्रिय है. मोतीहारी बेतिया, सीतामढ़ी और शिवहर जिले में इनकी सक्रियता है. ये छोटे-छोटे बच्चों को अर्जेंटिना, ब्राजील और गल्फ कंट्री, दुबई, सउदी अरब भेजते हैं.
ह्यूमन ट्रैफिकिंग का यह मुद्दा काफी गंभीर- अधिवक्ता
मामले में पुलिस छानबीन करती रह जाती है लेकिन हाथ कुछ नहीं लग पाती. कई मामलों में सीबीआई भी काम कर रही है लेकिन अबतक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. जो दलाल यहां काम कर रहे है उनके खिलाफ कार्रवाई अति आवश्यक है. ह्यूमन राइट्स भावेशन (Human Rights Movement) के लिए ह्यूमन ट्रैफिकिंग का यह मुद्दा गंभीर और काफी बड़ा है. इस मामले में राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग को अवगत करा दिया है. और मांग रखी है कि जल्द से जल्द आयोग अपने स्तर से रिटायर्ड जजों की निगरानी में मामले की जांच करें और इसमें सेंट्रल एजेंसी भी पूरे मामले की तहकीकात करें क्योंकि बिहार स्टेट पुलिस से यह संभव नहीं है. क्योंकि इंटरनेशनल गिरोह पूरी सक्रियता के साथ यहां काम कर रहा है.
आवेदन देकरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मामले से कराया अवगत
अधिवक्ता डॉ एसके झा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को आवेदन देकर मामले से अवगत कराते हुए आंकड़ा भी जारी किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि विगत छह माह के अंदर राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों से 100 से ज़्यादा लड़कियों के गायब है. बेटियों को देश के अलावा नेपाल, चीन, ब्राजील, सऊदी अरब में करोड़ों में बेची जा रही है. मोतिहारी से सटे भारत-नेपाल बॉर्डर से पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर में गिरोह सक्रिय है. आवेदन में आगे उन्होंने बताया कि जुलाई महीने में रक्सौल से 10, रामगढ़वा से 3, आदापुर से 4; अगस्त महीने में रक्सौल अनुमंडल के भेलाही, कौड़ीहार सहित विभिन्न स्थानों से 18; सितम्बर महीने में पूरे अनुमंडल के विभिन्न स्थानों से एक विवाहिता सहित 17; अक्टूबर माह में 15 और नवंबर माह में 15 सहित कुल 83 लड़कियां गायब हुई हैं.

शादी और बॉडी पार्ट्स की खरीद-फरोख्त के लिए...
नशा कारोबारियों द्वारा इन लड़कियों का इस्तेमाल नशीले पदार्थ की तस्करी में किया जाता है इसके अलावे भारत के कश्मीर, पांडिचेरी के साथ चीन, सऊदी अरब, दुबई समेत गल्फ कंट्री, अर्जेंटीना जैसे देशों में शादी कराकर बच्चा पैदा करने, 'जेनरेशन चेंज' कराने, बच्चों को फीड कराने (दूध पिलाने) और देह व्यापार जैसे कामों के लिए लड़कियों को फंसाकर विदेश भेजा जाता है. इसके साथ ही शादी और बॉडी पार्ट्स की खरीद-फरोख्त के लिए भी लड़कियों की बड़े पैमाने पर विदेशों में तस्करी किए जाने की जानकारी है. बॉर्डर पर सक्रिय देश के मानव तस्करों का यह सिंडिकेट इन लड़कियों को ऊंचे मूल्य में बेचकर लाखों-करोड़ों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं. पिछले दिनों इनमें से एक दर्जन लड़कियों का रेस्क्यू हुआ था, बाकी अन्य अब भी लापता हैं. इतना ही नहीं रेस्क्यू की गई लड़कियों में चार लड़कियां एक ही परिवार की थी.
रिपोर्ट- गोविंद कुमार









