बिहार में गरजे गिरिराज सिंह, कहा- बहुत हुआ 'ओम शांति' अब होगा 'ओम क्रांति'
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा 'धर्मो रक्षति रक्षितः' यानी धर्म की रक्षा करोगे तभी धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा. आज पूरे देश की डेमोग्राफी बदल गयी है. रोहंगिया और शरणार्थियों को बचाने के लिये कई शक्तियां लगी हुई है.

Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:बिहार के मुजफ्फरपुर में गिरिराज सिंह फैंस क्लब की ओर से फलाहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शामिल हुए. बता दें, कार्यक्रम का आयोजन जिले के खादी भंडार सभागार में किया गया जहां उनके आगमन पर भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान उनके ऊपर बुलडोजर से पुष्प वर्षा की गई. कार्यक्रम के शुरूआत केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मां दुर्गा की आरती पूजन से की. और इसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं के बीच तलवारों का वितरण किया.
मौके पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा 'धर्मो रक्षति रक्षितः' यानी धर्म की रक्षा करोगे तभी धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा. बता दें, कार्यक्रम का थीम आई लव मोहम्मद का जवाब देते हुए आई लव शक्ति रखा गया था. जिसकी चर्चा करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा एक ट्रेंड चल रहा है आई लव मोहम्मद और अगर यह पोस्टर कही फट गया तो कहा जाएगा सर तन से जुदा. गिरिराज सिंह ने भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप का उल्लेख करते हुए कहा कि हम माक्खन चोरी करने वाले, बंसुरी बजाने वाले और गाय चराने वाले कृष्ण की पूजा तो करते हैं, लेकिन सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण की पूजा करने से कतराते हैं. यही वजह रही कि भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर कब्जा कर लिया गया.
आगे गिरिराज सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि एक जिन्ना ने भारत के दो टुकड़े कर दिए पाकिस्तान और बांग्लादेश. आज देश में कई जिन्ना मौजूद हैं. बंगाल फाइल्स फिल्म के बहाने बंगाल की राजनीति पर प्रहार करते हुए गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना सोहरावर्दी से की. उन्होंने कहा कि जिस तरह डायरेक्ट एक्शन प्लान के तहत सोहरावर्दी ने बंगाल में हिंदूओं की हत्या की साजिश रची थी. उसी राह पर आज ममता बनर्जी चल रही हैं.
आगे कहा कि हम चुप हैं हमारी आपकी बेटी चली गयी उसके साथ जो आते हैं हाथ में कलावा बांध करके बांग्लादेशी हैं. आज पूरे देश की डेमोग्राफी बदल गयी है. रोहंगिया और शरणार्थियों को बचाने के लिये कई शक्तियां लगी हुई है. आप समझ रहे होंगे कि मैं राजनीतिक बात कर रहा हूं पर यह राजनीतिक है भी और नही भी है. यह हमारे अंदर की पीड़ा है. आज मैं माता से विनती करता हूं कि ओम शांति शांति नहीं करके ओम क्रांति क्रांति का संदेश देने की कृपा करें.









