DHANBAD: गैस रिसाव के कारण लोगों का जीवन हो गया है दूभर, गंभीरता का जायजा लेने पहुंचे राज्य के मुख्य सचिव
धनबाद के केंदुआ में हुए जहरीले गैस के रिसाव के कारण क्षेत्र के लोगों का जीवन दूभर हो गया है. सरकारी नुमाइंदे स्थिति का जायजा ले रहे हैं, विस्थापन आदि की बातें कर रहे हैं. पुनर्वास का भी आश्वासन दिया जा रहा है. लेकिन स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है.

JHARKHAND (DHANBAD): धनबाद के केंदुआ में जहरीली गैस का रिसाव अब भी जारी है. इस बीच क्षेत्र के गंभीर हालात का जायजा लेने पहुंचे राज्य के मुख्य सचिव अविनाश कुमार. जिन्होंने दौरे के बाद बताया कि लोगों की भलाई को ध्यान में रखकर ही निर्णय लिए जाएंगे. लोगों के स्वास्थ्य आदि के साथ सभी पक्षों पर विचार कर ही विस्थापन व पुनर्वास संबंधी फैसले लिए जाएंगे.
उपर्युक्त दौरे में उनके साथ राज्य की डीजीपी तदाशा मिश्रा, गृह सचिव वंदना डाडेल, राजस्व सचिव चंद्रशेखर, सचिव सुनील कुमार और अरवा राजकमल भी केंदुआ पहुंचे थे. साथ ही उपायुक्त आदित्य रंजन, एसएसपी प्रभात कुमार, बीसीसीएल के सीएमडी मनोज अग्रवाल समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.
मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने कहा कि घटना की जानकारी लेने के लिए ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूरी टीम को यहां भेजा है. लोगों की सुरक्षा और उनके पुनर्वास को लेकर जो भी निर्णय होंगे, उनमें जनसहमति की आवश्यकता होगी. किसी को भी जबरन हटाया नहीं जा सकता.
तकनीकी टीम की सलाह को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला लिया जाएगा. प्रयास किया जाएगा कि लोगों को कम से कम कठिनाई हो. लोगों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार पूरी ताकत लगा रही है. अधिकारियों द्वारा बताया गया कि लोगों को स्थानांतरित करने से पहले उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है. घटना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार दोनों लगातार संपर्क में हैं.
मुख्य सचिव के दौरे के समय उनके साथ गयी तकनीकी टीम ने गैस की माप भी की, जिसमें गैस का स्तर 2000 PPM से अधिक पाया गया. आईएसएम और सिंफर की तकनीकी टीम ने बताया कि जहरीली गैस कार्बन मोनोऑक्साइड को खुले वातावरण में सीधे नहीं निकाला जा सकता. उन्होंने बताया कि जमीन के भीतर कार्बन नाइट्रोजन डाला जा रहा है, जिससे कार्बन मोनो ऑक्साइड के प्रभाव को कम किया जा सके.
तकनीकी टीम द्वारा बताया गया कि जमीन के अंदर लगी आग के कारण स्थिति इतनी खतरनाक हो गई है. वहीं आग लगने कारण जमीन के अंदर बन रही मिथेन गैस को बताया गया. साथ ही आगाह किया गया कि अचानक यदि हवा के आने-जाने का रास्ता खोल दिया गया, तो परिस्थिति और भी भयावह हो सकती है.









