नक्षत्र न्यूज की ओर से धनबाद में सजा झारखंड का सबसे बड़ा सियासी मंच, आमने-सामने राज्य के सियासी दिग्गज
कोयला नगरी धनबाद नक्षत्र न्यूज की ओर से 'कोयलांचल कॉन्क्लेव' (Koyalanchal Conclave) का भव्य आयोजन किया गया है जिसमें झारखंड के राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता शामिल हो रहे हैं और धनबाद क्षेत्र की स्थिति और संबंधित समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैं.

Koyalanchal Conclave: झारखंड के कोयला नगरी धनबाद जिले में आज नक्षत्र न्यूज 'कोयलांचल कॉन्क्लेव' (Koyalanchal Conclave) का भव्य आयोजन कर रहा है जिसमें झारखंड के राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता आमने-सामने होंगे. 'कोयलांचल कॉन्क्लेव' का आयोजन जिले के ग्रैंड मिराज रेडिशन धनबाद में किया गया है. दोपहर 12 बजे से कार्यक्रम का शुभारंभ हो गया है.
बता दें, नक्षत्र न्यूज के 'कोयलांचल कॉन्क्लेव' में कोयलांचल क्षेत्र यानी धनबाद और आसपास के इलाकों की वर्तमान स्थिति, खनन से संबंधित समस्याएं, स्थानीय रोजगार और क्षेत्र का भविष्य में विकास के रोडमैप पर चर्चा हो रही है. वहीं, इस कार्यक्रम में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई दिग्गज नेता बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो रहे हैं. 
वर्तमान में झारखंड में हुए हैं काफी बदलाव- विधानसभा स्पीकर
कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन के साथ किया गया. इसके बाद Koyalanchal Conclave में सबसे पहले झारखंड विधानसभा के स्पीकर और JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के वरिष्ठ नेता रवींद्र नाथ महतो से धनबाद की स्थिति पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि जब झारखंड राज्य का गठन हुआ जब एकाकृत बिहार में थे बिहार के संथाल परगना और छोटानागपुर का हिस्सा जो वर्तमान में झारखंड में है. इसमें काफी बदलाव हुए है.
रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि झारखंड राज्य का जैसे ही निर्माण हुआ. राजनीतिक की अस्थिरता का दौर चला. इसके कारण राज्य का जो विकास होना चाहिए था वह नहीं हो सका. लेकिन इसके बाद राजनीतिक स्थिरता आई. वर्तमान में राज्य के भलाई और बेहतरी के लिए कार्य हो रहे हैं. बिहार में पहले का संथाल परगना और छोटानागपुर और अब झारखंड के निर्माण के बाद अगर देखें तो अलग-अलग सेक्टर में (सड़क, पुल, शिक्षा, स्वास्थ्य) काफी कुछ बदला है. राज्य निर्माण के बाद जो लोग झारखंड में आ रहे है वे कहते हैं कि आज के झारखंड में काफी बदलाव हुआ है. लेकिन जो बदलाव हुआ है वह काफी नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि राज्य आज 25 वर्ष का हो गया है. इन 25 वर्षों में झारखंड एक परिपक्व राज्य होने के कगार पर खड़ा है. इसलिए राज्य का और अधिक विकास होना चाहिए था. कारण जो भी रहे लेकिन हम अपने राज्य का उस तरह विकास नहीं कर सकें. जिससे राज्य को देश के अंतिम पायदान तक नहीं ले जा सके हैं. राज्य के विकास में हमें अभी काफी कार्य करने बाकी है. कार्य जारी है आने वाले समय में झारखंड को एक श्रेष्ठ राज्य के रुप में भारतवर्ष के मानचित्र पर देखेंगे.

ग्रामीण मजदूरों के जीवन बेहतरी के लिए कार्य कर रही सरकार- मंत्री दीपिका पांडेय सिंह
झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि कोयलांचल में माइनिंग का एरिया कम है. ग्रामीण परिवेश में जो लोग रह रहे हैं. उनकी संख्या ज्यादा है. माइनिंग के साथ ही यहां खेती बाड़ी से जुड़े लोग भी है. लोग बुनियादी सुविधा के लिए संघर्षशील है जिसमें हमारी सरकार सुधार लाने के लिए प्रयासरत है. माइनिंग एरिया में जो लोग मजदूर काम कर रहे उनका संघर्ष अलग है लेकिन मनरेगा से जुड़े ग्रामीण मजदूरों के जीवन बेहतर करने के लिए सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है.
मनरेगा के नामकरण पर वार करते हुए मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि माइनिंग में जो मजदूर काम कर रहे हैं उनको लेबर कोर्ट में बदलाव करके किस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है और इस योजना और अधिकार में बदलाव लाकर केंद्र सरकार किस प्रकार रोजगार पर प्रहार कर रही है इसका प्रभाव आने वाले समय में देखने को मिलेगा. हमलोग केंद्र मंत्रियों के पीछे दौड़ लगा रहे है. क्योंकि हमारी प्राथमिकता, जिस जगह हम है और जो उम्मीद झारखंड की जनता कर रही है उसे पूरा करने का काम है.
मनरेगा में बदलाव लाकर केंद्र सरकार दिखावा कर रही है. कि 125 दिन इसे करने जा रहे है लेकिन जब से बीजेपी की सरकार केंद्र में तब से औसतन 40 से 45 दिन का रोजगार ही मजदूरों को मिल पा रहा है. हमने झारखंड में पिछले एक वर्ष से मेहनत करके सुनिश्चित किया है कि 50 प्रतिशत जॉब कार्ड महिलाओं के भी बने. और महिलाओं को भी मनरेगा के मजदूरी से जोड़ा जाए.









