चुनाव से पहले लालू परिवार को बड़ा झटका ! IRCTC घोटाले में कोर्ट ने सुनाए आरोप तय करने के आदेश, लैंड फॉर जॉब केस में टला फैसला
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में अदालत ने IRCTC घोटाले में लालू परिवार को बड़ा झटका दिया. कोर्ट ने मामले में आरोप तय करने के आदेश सुनाए. जबकि लैंड फॉर जॉब केस में अदालत ने अपना फैसला अगली तारीख के लिए टाल दिया. लालू पर आरोप लगा था कि 2004 से 2009 के बीच रेलमंत्री रहते हुए उन्होंने IRCTC के दो होटलों BNR रांची और BNR पुरी के रखरखाव के ठेके अवैध तरीके से दिए गए.

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले RJD सुप्रीमो लालू यादव और उनके परिवार को IRCTC घोटाला मामले में बड़ा झटका मिला है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC (भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम) में कथित अनियमितता से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में आरोप तय करने के आदेश सुना दिए है. वहीं लैंड फॉर जॉब केस में राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपना फैसला टाल दिया है. अब इस मामले में अपना फैसला आगामी 10 नवंबर 2025 को सुनाएगी. इन मामलों में सीबीआई ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और नकदी लेन-देन का आरोप लगाया है.
पिछले साल जांच के बाद लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी समेत 14 लोगों के खिलाफ CBI ने जमीन लेकर नौकरी देने का आरोप पत्र दाखिल किया था. इस मामले में CBI ने IPC की धारा 120, 420, 468, 467, 471 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 11, 12, 13, 8, 9 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी.
IRCTC मामले में लालू यादव, पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव ने अपना अपराध मनाने से इनकार किया. साथ ही उन्होंने कहा कि मुकदमे का सामना करेंगे. लालू परिवार को बिहार इलेक्शन से पहले कोर्ट से ये बड़ा झटका मिला है हालांकि लैंड फॉर जॉब मामले में फिलहाल के लिए राहत मिली है.
लालू परिवार को चुनाव से पहले मिला बड़ा झटका
अगले कुछ दिनों बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होना है और इस दौरान चुनाव से पहले कोर्ट द्वारा IRCTC घोटाला मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया जाना लालू परिवार के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. क्योंकि अबतक महागठबंधन के बीच सीटो का बंटवारा भी नहीं हो सका है. ऐसे में कोर्ट का यह फैसला पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
जानें क्या है लैंड फॉर जॉब मामला
बता दें, साल 2004 से 2009 तक केंद्र की मनमोहन सरकार में लालू यादव रेल मंत्री रहे थे. इस दौरान उनपर आरोप लगा कि केंद्रीय रेल मंत्री के पद पर रहते हुए लालू यादव ने कई लोगों को ग्रुप-D की नौकरी देने का काम किया था. और इस नौकरी के बदले उन लोगों से जमीन ली गई थीं. और पैसे भी लिए गए थे. इतना ही नहीं, जिन लोगों को नौकरी दी गई उन्हें भिन्न-भिन्न जोन में तैनाती दी गई. इस पूरे मामले में पहली बार साल 2021 में केस दर्ज किया गया. जिसपर 8 मई 2022 को प्राथमिकता में बदला गया.
आपको बता दें, इससे पहले भी चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव कई बार जेल जा चुके हैं ऐसे में एक और मामले में सुनवाई शुरू होना पूरे लालू परिवार के लिए बड़ा झटका के रुप में देखा जा रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लालू परिवार को कोर्ट से मिले इस झटके का असर चुनाव में भी देखने को मिल सकता है.
लालू, राबड़ी और तेजस्वी समेत 14 आरोपी, जानें IRCTC का मामला
राउज एवेन्यू कोर्ट ने भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) मामले में सभी आरोपियों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का भी निर्देश दिया है. इस मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी प्रसाद यादव सहित 14 लोग आरोपी हैं. यह पूरा मामला IRCTC के दो होटलों के संचालन का ठेका एक निजी कंपनी को देने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है. जिसपर सीबीआई ने 7 जुलाई 2017 को केस दर्ज किया था.
मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से जुड़े पटना, नई दिल्ली, रांची और गुरुग्राम स्थित कुल 12 ठिकानों पर रेड डाला गया था. लालू पर आरोप लगा था कि 2004 से 2009 के बीच रेलमंत्री रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने IRCTC के दो होटलों BNR रांची और BNR पुरी के रखरखाव के ठेके अवैध तरीके से दिए गए.
अगली तारीख को सभी आरोपियों को उपस्थित रहने का निर्देश
इधर, इस मामले में विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने सुनवाई के दौरान अगली तारीख में सभी आरोपियों को अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया. इससे पूर्व अदालत ने लालू यादव से पूछा कि क्या आप अपना अपराध मानते हैं? इस पर लालू यादव समेत राबड़ी और तेजस्वी ने अपना अपराध मनाने से इनकार किया. कहा- मुकदमे का सामना करेंगे. जिसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट की अदालत ने आरोप तय करने का आदेश सुनाया. है.









