ED के समन की अवहेलना मामले में CM हेमंत को फिलहाल राहत नहीं ! 15 जनवरी 2026 को होगी अगली सुनवाई
MP/MLA कोर्ट द्वारा संज्ञान के आदेश को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से अधिवक्ता ने अदालत में कुछ दस्तावेज दाखिल करने लिए समय की मांग की.

Ranchi: ईडी के समन की अवहेलना से जुड़े मामले में MP/MLA कोर्ट द्वारा संज्ञान के आदेश को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर आज (18 दिसंबर 2025, गुरुवार) झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से अधिवक्ता ने अदालत में कुछ दस्तावेज दाखिल करने लिए समय की मांग की. वहीं मामले में अब अगली सुनवाई आगामी 15 जनवरी 2026 (गुरुवार) को होगी.
बता दें, यह जमीन घोटाला से जुड़ा समन अवहेलना का मामला है. इस मामले में आज हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई. वहीं मामले में सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा, दीपांकर रॉय और अधिवक्ता श्रेय मिश्रा ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा.
मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से याचिका दायर कर MP/MLA द्वारा जारी संज्ञान को गलत बताकर इसे निरस्त करने का आग्रह किया गया है. दरअसल, आपको बता दें, ED ने हेमंत सोरेन के खिलाफ समन के आदेश का अनुपालन नहीं करने को लेकर कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराई है. जिसपर सुनवाई जारी है. यह मामला MP/MLA की विशेष कोर्ट में कांड संख्या 2/ 2024 दर्ज हैं.
जानकारी के लिए आपको बता दें, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की तरफ से जारी समन की अवहेलना मामले में CJM कोर्ट में शिकायतवाद दाखिल की गई थी. जो अब MP/MLA कोर्ट स्थानांतरित किया जा चुका है. सीजेएम कोर्ट में शिकायतवाद संख्या 3952/2024 ED (प्रवर्तन निदेशालय) की ओर से दाखिल की गई थी. जिसमें ED के वरीय अधिकारी देवराज झा (शिकायतकर्ता) की तरफ से कोर्ट को बताया गया है कि जमीन घोटाला मामले में ईडी ने हेमंत को 10 समन किए थे जिसमें से वे सिर्फ 2 समन पर ही ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित हुए थे. यह ईडी के समन की अवहेलना है.
कब जेल गए थे हेमंत सोरेन
बता दें, हेमंत सोरेन ईडी के 8वां (20 जनवरी 2024) और 10वां (31 जनवरी 2024) समन को पूछताछ के लिए उपस्थित हुए थे. ईडी ने 10वें समन में करीब 7 घंटे से अधिक पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी से पहले वे राजभवन गए थे और तत्कालीन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उन्होंने मुख्यमंत्री पद का इस्तीफा पत्र सौंपा था.









