बिहार चुनाव 2025: एनडीए में सीट बंटवारे की डील फाइनल, चिराग पासवान ने जताई सहमति
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए में सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान गठबंधन के फॉर्मूले पर राजी हो गए हैं. सूत्रों के अनुसार, एलजेपी को 20–25 सीटें मिल सकती हैं. जल्द ही एनडीए एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान करेगी. यह समझौता एनडीए की एकता को मजबूत करता है और महागठबंधन के सामने बड़ी चुनौती पेश करता है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025को लेकर सियासी हलचल तेज है. एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे को लेकर चल रही चर्चा अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. ताजा खबरों के मुताबिक, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर सहमत हो गए हैं. गठबंधन में एकजुटता का संदेश देने के लिए जल्द ही औपचारिक ऐलान किया जाएगा.
एनडीए में एकता का संदेश
एनडीए में शामिल दलों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद अब स्थिति स्पष्ट होती नजर आ रही है. बीजेपी, जेडीयू, हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) और एलजेपी (रामविलास) के बीच सीटों को लेकर सहमति बन गई है. इस बार यह कोशिश की जा रही है कि 2020 की तरह कोई भ्रम या मतभेद ना रह जाए, जिससे महागठबंधन को फायदा मिले.
चिराग पासवान की भूमिका अहम
चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (रामविलास) 2020 के चुनाव में एनडीए का हिस्सा नहीं थी. उन्होंने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा था, जिससे जेडीयू को नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन इस बार चिराग एनडीए में पूरी तरह से शामिल हैं और उन्होंने सीट बंटवारे पर सहमति जताकर गठबंधन की मजबूती का संकेत दिया है. चिराग ने यह भी कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरी तरह भरोसा रखते हैं और बिहार में एनडीए की जीत सुनिश्चित करेंगे.
कितनी सीटें मिलेंगी एलजेपी (रामविलास) को?
जानकारी के अनुसार चिराग पासवान की पार्टी को 20 से 25 सीटें दी जा सकती हैं. हालांकि अंतिम संख्या पर अभी चर्चा जारी है. बीजेपी और जेडीयू के बीच भी सीटों का संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जा रही है ताकि दोनों दलों को बराबर का प्रतिनिधित्व मिले.
जल्द होगा औपचारिक ऐलान
एनडीए जल्द ही एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीट बंटवारे का आधिकारिक ऐलान करेगी. इसमें सभी प्रमुख नेताओं की मौजूदगी संभावित है, जैसे कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू के वरिष्ठ नेता, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी. इस ऐलान के बाद प्रत्याशियों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी.
राजनीतिक समीकरण पर असर
एनडीए की यह एकता विपक्ष के लिए चुनौती साबित हो सकती है. महागठबंधन में जहां अभी भी सीटों को लेकर खींचतान चल रही है, वहीं एनडीए ने समय से पहले तैयारी कर राजनीतिक बढ़त हासिल कर ली है. एनडीए को उम्मीद है कि 2020 की तुलना में इस बार ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाएंगे.









