Bihar Cabinet Meeting: बिहार को टेक हब बनाने का लिया गया निर्णय, खोले जाएंगे बंद चीनी मील
बिहार की नई कैबिनेट बैठक में 25 नई चीनी मिलें खोलने, 9 बंद मिलों को पुनर्जीवित करने और 11 नई टाउनशिप विकसित करने का फैसला हुआ। राज्य को पूर्वी भारत का टेक हब बनाने के लिए डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर पार्क और AI मिशन जैसी योजनाओं को मंजूरी दी गई।

Bihar Cabinet Meeting: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की धमाकेदार जीत के बाद सरकार का गठन भी हो चुका है. आज बिहार सरकार की नई कैबिनेट की मीटिंग आयोजित की गई थी. जिसमें नीतीश सरकार के सभी मंत्रियों की उपस्थिति में कई अहम फैसले लिए गए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुए इस बैठक में 10 मुख्य एजेंडे पर मुहर लगी है. बैठक के बाद मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि बिहार में 25 नए चीनी मीलों को खोलने का फैसला लिया गया है. कहा कि पहले से जहां 9 मीलें बंद पड़ी हैं, उन्हें पुन: खोला जाएगा.
मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार में 11 नये टाउनशिप विकसित किए जाएंगे. इनमें 9 प्रमंडलीय मुख्यालय के अलावा सीतामढ़ी और सोनपुर को शामिल किया गया है. बिहार को पूर्वी भारत का नए टेक हब के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, मेगा टेक सिटी व फिनटेक सिटी की स्थापना का निर्णय लिया गया है. इसके तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा. इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को परामर्श के रूप में शामिल किया जाएगा. कमेटी 6 माह के अंदर अपनी रिपोर्ट जारी करेगी.
बिहार को ग्लोबल वर्क प्लेस बनाने का लक्ष्य
कैबिनेट के एक अन्य निर्णय में बदलते बिहार के विकास की गति को बल देने हेतु बिहार में प्रौद्योगिकी और सेवा आधारित नवाचारों की न्यू ऐज इकोनॉमी के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु इस क्षेत्र की बिहार से संबंध रखने वाले अग्रणी उद्यमियों के सुझाव प्राप्त कर योजनाओं एवं नीतियों का निर्धारण किया जाएगा. साथ ही बिहार को एक 'वैश्विक बैक एंड हब एवं 'ग्लोबल वर्क प्लेस' के रूप में विकसित एवं स्थापित करने हेतु महत्वपूर्ण विभागों तथा प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों के सहयोग से एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी. बिहार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन की स्थापना की स्वीकृति दी गई है इसके तहत प्रतिभावान व्यक्तियों और कंपनियों की सहायता ली जाएगी.
बिहार सरकार ने राज्य में उद्योगों और रोजगार को नया आयाम देने के लिए 11 नयी सैटेलाइट/ग्रीनफील्ड टाउनशिप विकसित करने का फैसला लिया है. इनमें नौ प्रमंडलीय मुख्यालयों के साथ सीतामढ़ी और सोनपुर को भी शामिल किया गया है. इस पहल का उद्देश्य बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक्नोलॉजी हब बनाना है. इसके तहत राज्य में डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी स्थापित की जाएंगी.
इन्हीं लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे. समिति छह माह में अपनी रिपोर्ट देगी और राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने तथा रोजगार सृजन से संबंधित योजनाओं की मॉनिटरिंग भी करेगी.
अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ रोजगार का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अधिकतम युवाओं को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सात निश्चय-2 के तहत 2020–25 के दौरान 50 लाख युवाओं को नौकरी एवं रोजगार दिया जा चुका है. नई सरकार ने अगले पांच वर्षों में एक करोड़ रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य दोहराया है.
राज्य में नई चीनी मिलों की स्थापना तथा बंद पड़ी मिलों के पुनरुद्धार की योजना भी तैयार की गई है. साथ ही शहरों के बेहतर विकास और नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन’ शुरू किया जाएगा.
सरकार का मानना है कि बड़ी युवा आबादी, बेहतर आधारभूत संरचना और तेजी से बढ़ते औद्योगिक ढांचे के बल पर बिहार देश का सबसे तेजी से विकसित होने वाला राज्य बन सकता है.









