भगवान बिरसा मुंडा के घर और जमीन को छीन रही सरकार ! वंशजों ने लगाई गुहार
भगवान बिरसा मुंडा के घर और जमीन को छीन रही सरकार ! वंशजों ने लगाई गुहार
Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:झारखंड के धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थली घर और जमीन को सरकार ने पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है. जिसका बिरसा मुंडा के वंशज विरोध कर रहे हैं इस संबंध में बिरसा मुंडा के पोता बुधराम मुंडा ने मीडिया के समक्ष आकार सरकार से ऐसा न करने की अपील की है साथ ही उन्होंने सरकार से लड़ने के लिए झारखंड आदिवासी संगठन और केंद्रीय सरना समिति से सहयोग की गुहार भी लगाई है. बुधराम मुंडा ने कहा कि 5वीं अनुसूचि क्षेत्र और टेनेंसी एक्ट को दरकिनार कर सरकार उनके दादा जी भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली घर और उस जमीन को हथियाना चाहती है यहां तक कि सरकार ने उस जमीन को पर्यटन स्थल भी घोषित कर दिया है.
भगवान बिरसा मुंडा के पोते बुधराम मुंडा ने बताया पूरा मामला
खूंटी जिला के अड़की थाना स्थित उलिहातू गांव से रांची पहुंचे भगवान बिरसा मुंडा के पोते बुधराम मुंडा ने कहा कि उलिताहु में भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थली के नाम से जाना जाने वाले घर हमारे पूर्वजों के नाम से दर्ज है. वह घर बिरसा मुंडा जी के बड़े भाई और अन्य के नाम से दर्ज है. उस जमीन के हकदार हम बिरसा मुंडा के पोते सुखराम मुंडा और बुधराम मुंडा है दोनों अभी जिंदा है. और इस घर में हम दोनों का हक है. हमारे बाद आगे इस घर में हमारे बेटों और भतीजों का हक होगा.
बेदखल कर हमसे उस घर को छिनना चाहती है सरकार- बुधराम मुंडा
लेकिन उस जमीन को सरकार ने पर्यटन स्थल के लिए घोषित कर दिया है और इसके लिए पिछले कुछ दिनों से काम भी शुरू कर दिया गया है. साफ-सफाई करने के लिए यहां के सीईओ की ओर से एक चौकीदार को रखा गया है. जबकि, भगवान बिरसा मुंडा का जन्मस्थली जब से बना है तब से उसमें हम वंशजों द्वारा देख-रेख और साफ-सफाई का काम किया जा रहा है. हमारे गैरहाजिरी में दूसरों के हाथों में चाबी थमा दी गई थी लेकिन उस वक्त वहां जो भी सरकारी चीजें थी सभी चोरी कर ली जाती थी. हमने जब से देखरेख शुरू की तब से सब सुरक्षित हैं.
सरकार उस जमीन से हमें बेदखल करके उसे हमसे छिनना चाहती है हमारी मांग है कि हमसे उस जमीन को न छिना जाए. और उस जगह को सरकार पर्यटन स्थल घोषित न करें. अगर सरकार भगवान बिरसा मुंडा के नाम से पर्यटन स्थल बनाना ही चाहती है तो उलिहातू में गांव की सामूहिकी जमीन को लेकर भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थली के नाम पर पर्यटन स्थल बनाएं. उसमें हमें कोई तकलीफ और आपत्ति नहीं होगी.
उस घर में बिरसा मुंडा और पूर्वजों की आत्मा का वास है- पोता बुधराम
उस घर में सिर्फ भगवान बिरसा मुंडा ही नहीं बल्कि उनसे पहले के पूर्वजों ने भी जन्म लिया था उन सभी की आत्मा उस घर में वास करती है सरकार उससे हमें अलग करने का काम क्यों कर रही है अगर सरकार ऐसा करती है तो हमारे पास कुछ भी नहीं बचेगा. हमें हमारे पूर्वजों की आत्मा से ही बल मिलती है. भगवान बिरसा मुंडा और उनका जन्मस्थली सिर्फ मेरे परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे आदिवासी समाज के लिए है. पांचवीं अनुसूचि क्षेत्र है और झारखंड के आदिवासियों के लिए टेनेंसी एक्ट भी बना है उस कानून को दरकिनार कर सरकार क्यों हमारे पूर्वजों के जमीन से हमें बेदखल कर पर्यटन स्थल बना रही है.
इस मामले को आज शुक्रवार (29 अगस्त 2025) को हमने झारखंड आदिवासी संगठन और आदिवासी समाज को अवगत कराने का काम किया. बुधराम मुंडा ने कहा कि अगर भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली को सरकार उजाड़ देगी तो अन्य क्षेत्रों को भी उजाड़ने में सरकार को वक्त नहीं लगेगा. उन्होंने कहा सरकार जब पांचवीं अनुसूचि का जड़ ही खत्म कर देगी तो डाली और पत्ता को उजाड़ने में सरकार को क्या परेशानी हो सकती है.
भगवान बिरसा मुंडा के वंशजों के साथ नहीं होने देंगे अन्याय- फुलचंद तिर्की
केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फुलचंद तिर्की ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से हम लोग हैरान है. हाल ही में दिशोम गुरू शिबू सोरेन को सच्ची श्रद्धांजलि देने के नाम पर उनके नाम से RIMS 2 बनने की बात चल रही है लेकिन इस बीच अब धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थली जमीन को ही लूटने का काम किया जा रहा है वह जमीन भगवान बिरसा मुंडा के परिवार वालों की है न कि सरकार की. वह कोई गैरमजरुआ जमीन नहीं है. सरकार उनके वंशजों के अनुमति के बगैर उनके जन्मस्थली घर को पर्यटन स्थल घोषित कर रही है. इस मामले को उनके पोते बुधराम मुंडा सरना केंद्रीय समिति के समक्ष रखा और गुहार लगाई कि उलिहातू आकर हमारी जमीन को बचाने में मदद करें. फुलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासी संगठन भगवान बिरसा मुंडा के वंशजों के साथ खड़ी है और उनके साथ अन्याय होने नहीं दिया जाएगा.









