गिरिडीह में जंगली हाथियों का तांडव, दो बच्चों के साथ भागकर विधवा महिला ने बचाई जान
बीती रात हाथियों का झुंड विधवा महिला सावित्री देवी के घर पहुंचती है और घर को पूरी तरह से तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया. हालांकि इस दौरान महिला ने मौके से भागकर किसी तरह अपनी और अपने दो बच्चों की जान बचाई.

Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:गिरिडीह के बगोदर में हाथियों के उत्पात से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. बगोदर प्रखंड के आदिवासी बहुल क्षेत्र अड़वारा पंचायत के उखरीटांड़ में पिछले दिन की रात हाथियों ने खूब उत्पात मचाया. इस दौरान हाथियों ने ग्रामीणों के फसलों और एक विधवा महिला के घर को पूरी तरह तोड़कर बर्बाद कर दिया है.
ग्रामीणों के अनुसार, बीती रात हाथियों का झुंड विधवा महिला सावित्री देवी के घर पहुंचती है और घर को पूरी तरह से तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया. हालांकि इस दौरान महिला ने मौके से भागकर किसी तरह अपनी और अपने दो बच्चों की जान बचाई. पीड़ित महिला बिलख-बिलख कर बोल रही थी कि अब मेरे पास ना रहने के लिए घर ना खाने के लिए अनाज है. हम अब दूसरे के घर में शरण लिए हुए हैं.
इधर, इस मामले की जानकारी पर मुखिया प्रतिनिधि धानेश्वर मरांडी ने एक बोरी चावल की व्यवस्था कराई. बताया जा रहा है कि पीड़ित महिला के पति की 7 साल पूर्व मौत हो गई है. महिला के दो बच्चे है वह किसी तरह मजदूरी कर बच्चों का भरन-पोषण कर रही है. बिलखते हुए महिला ने बताया कि हम बेघर हो गए हैं. ना रहने का जगह है ना खाने की चीजें हैं घर में रखे समान को हाथी ने नष्ट कर दिया है.
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक माह से हाथियों का झुण्ड शाम ढलते ही गांव की तरफ धीरे-धीरे आ जाता है और फसलों के साथ घरों को तोड़ कर काफी नुकसान पहुंचा रहा है मुखिया प्रतिनिधि धानेश्वर मरांडी ने बताया कि वन विभाग की लापरवाही के कारण लोगों को ये खामियाजा भुगतना पड़ रहा है आज गरीब परिवार घर से बेघर हो रहा है धान मकई सहित अन्य फसलें हाथियों के द्वारा नष्ट किया जा रहा है. मगर वन विभाग मूक दर्शक बना है.









