गिरिडीह में धूमधाम से मनाया गया विजयादशमी का पर्व, भक्तिभाव के साथ लोगों ने दी माता को विदाई
गिरिडीह में विजयादशमी का पर्व भी धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान शहर समेत ग्रामीण इलाके में मां के प्रतिमा का विसर्जन हुआ. शहर के बरगंडा सार्वजनिक काली मंडा, गांधी चौक के बड़की और छोटकी दुर्गा मंईयां का विदाई सालों पुराने परम्परा के अनुसार कांधे पर हुआ. लाखों भक्तों की भीड़ मां के विसर्जन यात्रा के दौरान कंधा देने के लिए आतुर दिखी.

Naxatra News Hindi
Ranchi Desk: नवरात्र के नौ दिन माई, दशम दिन विदाई, मां चली...भाव विभोर करने वाले इस भजन को सुनकर गुरुवार को हर एक भक्त की आंखों में आंसू दिख रहे थे. आंसू भी क्यों ना हो, ज़ब नौ दिनों तक बच्चों में स्नेह और दुलार लुटाने वाली भगवती की विदाई हो.
लिहाजा, गिरिडीह में विजयादशमी का पर्व भी धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान शहर समेत ग्रामीण इलाके में मां के प्रतिमा का विसर्जन हुआ. शहर के बरगंडा सार्वजनिक काली मंडा, गांधी चौक के बड़की और छोटकी दुर्गा मंईयां का विदाई सालों पुराने परम्परा के अनुसार कांधे पर हुआ. लाखों भक्तों की भीड़ मां के विसर्जन यात्रा के दौरान कंधा देने के लिए आतुर दिखी.
सुबह से शुरू हुई बारिश माता के विदाई के समय रुकी, तो भक्तों का सैलाब उत्साह के बीच जय दुर्गे के जयकारे से गूंज उठा. शहर भ्रमण के बाद बरगंदा की प्रतिमा सुन्दर तालाब पहुंची. जहां भक्तिभाव के साथ माता की आरती कर विदाई दी गई. वहीं बड़की और छोटकी दुर्गा मंईया को भी भक्तों ने कांधे पर लेकर शहर भ्रमण कराया. इस दौरान सुरक्षा को लेकर शहर के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में पुलिस जवान अलर्ट थे.
खुद डीएसपी नीरज सिंह और साइबर डीएसपी आबिद खान जवानों के साथ अलर्ट दिखे. और एक-एक प्रतिमा को मानसरोवर तालाब तक पहुंचा रहे थे. सुरक्षा के बीच भक्तों की भीड़ जय दुर्गे का जयकारा लगाते हुए मानसरोवर तालाब पहुंची. जबकि मां की कई प्रतिमा ट्रक पर लेकर भक्तों की भीड़ झूमते हुए मानसरोवर तालाब पहुंची. जहां परम्परा के अनुसार नाव से करीब आधा दर्जन प्रतिमा का विसर्जन किया जा रहा था.
मौके मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और भाजपा नेता सह सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव, भाजपा नेता विनय सिंह, कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष सतीश केडिया, मानसरोवर तालाब विसर्जन समिति के सदस्य संदीप गुप्ता, विश्वनाथ स्वर्णकार समेत कई सदस्यों के देख-रेख में नाव से विसर्जन करने की परम्परा पूरी की गई. नाव से प्रतिमा विसर्जन के भव्य दृश्य देखने के लिए हजारों कि संख्या में भक्तों की भीड़ तालाब के चारों तरफ खड़ी रही. वहीं, तालाब में हर अप्रिय घटना से निपटने के लिए ही ग़ोताख़ोरों की टीम भी अलर्ट दिखी.









