Veer Bal Diwas 2025: वैभव सूर्यवंशी सहित 20 होनहारों को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित, जानिए क्या है वीर बाल दिवस का इतिहास!
वीर बाल दिवस 2025 का सम्मान 20 बच्चों को प्रदान किया गया. 26 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर वीर बाल दिवस मनाया जाता है. जिस दौरान वीरता का प्रदर्शन करने वाले देश भर से बच्चों का चुनाव किया जाता है, जिन्हें राष्ट्रपति सम्मानित करती हैं.

Veer Bal Diwas 2025: 26 दिसंबर को मनाए जाने वाले वीर बाल दिवस 2025 के अवसर पर 20 बहादुर बच्चों को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान है, जो हर साल बच्चों को बहादुरी, कला और संस्कृति, पर्यावरण, सामाजिक सेवा, विज्ञान और तकनीक तथा खेल जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन उपलब्धियों के लिए दिया जाता है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वीर बाल दिवस के मौके पर देश के अलग-अलग क्षेत्र से 20 बच्चों को पीएम राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया है. 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इन 20 बच्चों का चयन किया गया है और उन्हें पुरस्कार दिया गया है. 20 बच्चों की लिस्ट में सबसे छोटी विजेता वाका लक्ष्मी प्राज्ञिका है जिसकी उम्र सिर्फ 7 साल है. इसमें 14 साल का क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी भी शामिल है जिसे पीएम राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला है.
कितनी मिलती हैं राशि?
राष्ट्रीय सम्मान के साथ चयनित बच्चों को एक लाख की राशि भी पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है. इसके साथ ही 26 जनवरी को कर्तव्य पथ (राज पथ) में होने वाले परेड का हिस्सा भी बनाया जाता है.
सम्मान मिलने की क्या है Criteria?
ऊपर बताई गई कैटेगरी में आने वाले 5 साल से 18 साल के उम्र वाले बच्चे जिनके पास भारतीय नागरिकता होती है और देश में रहते हैं. इस पुरस्कार के लिए साल 2018 में बहादुरी के क्षेत्र में नाम रोशन करने वाले बच्चों को शामिल किया गया था.

वीर बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?
वीर बाल दिवस देश में हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है. यह दिवस सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबजादों - साहिबजादा जोरावर सिंह (9 वर्ष) और साहिबजादा फतेह सिंह (7 वर्ष) की अद्वितीय वीरता और बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है. मुगल शासक वजीर ख़ान के अत्याचारों के सामने दोनों बालक धर्म और सत्य से डिगे नहीं और 1705 में सरहिंद में उन्हें दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया. उनका साहस भारतीय इतिहास में अद्वितीय उदाहरण है.









