झारखंड सरकार को Supreme Court की कड़ी फटकार, कहा- सारंडा को 8 अक्टूबर तक घोषित करो वन्यजीव अभ्यारण
डबल्यूआईआई की रिपोर्ट आने के दो माह के भीतर ही सारंडा को सेंचुरी घोषित करने का आदेश जारी किया था. 30 जून 2025 को डबल्यूआईआई ने अपनी रिपोर्ट दे दी है.

Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:सर्वोच्चतम न्यायालय (Supreme Cout) से झारखंड सरकार को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, कोर्ट ने सारंडा वन क्षेत्र को सेंचुरी घोषित नहीं करने पर अवमानना माना है साथ ही सारंडा वन क्षेत्र को वन्यजीव अभ्यारण घोषित करने के लिए आगामी 8 अक्टूबर तक का समय दिया है. अदालत ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि राज्य सरकार की ओर से अगर अधिसूचना जारी नहीं हुई तो झारखंड के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी. और इस दौरान कोर्ट सख्त आदेश भी दे सकती है.
बता दें, बुधवार को झारखंड सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की पीठ ने यह निर्देश दिया है.सुनवाई के दौरान अदालत ने मुख्य सचिव को आगामी 8 अक्टूबर को सशरीर कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. सारंडा को सेंचुरी घोषित करने मामले में सुनवाई के दौरान न्याय मित्र परमेश्वर गवे ने झारखंड सरकार के टाल-मटोल की जानकारी कोर्ट में दी. उन्होंने बताया कि वन सचिव अबु बकर सिद्दीकी के जरिए राज्य सरकार ने 29 अप्रैल 2025 को शपथ पत्र दायर किया था. जिसमें कहा गया था कि 576 वर्ग किलोमीटर को सेंचुरी घोषित करने का प्रस्ताव तैयार कर वन्य जीव (पीसीसीएफ) ने डबल्यूआईआई (वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) को भेजा है.
मामले में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट आने के बाद कैबिनेट में पेश किया जाएगा. और सारंडा को कैबिनेट की सहमति के बाद सेंचुरी घोषित कर दिया जाएगा. राज्य सरकार के शपथ पत्र में दिये गये प्रस्ताव को कोर्ट ने स्वीकार किया साथ ही डबल्यूआईआई की रिपोर्ट आने के दो माह के भीतर ही सारंडा को सेंचुरी घोषित करने का आदेश जारी किया था. 30 जून 2025 को डबल्यूआईआई ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. जिसमें झारखंड सरकार के प्रस्ताव पर सहमति दे दी गई है. लेकिन डबल्यूआईआई की ओर से सरकार को मिले रिपोर्ट का 2 माह से अधिक समय हो गया है मगर अबतक सारंडा वन क्षेत्र को सरकार ने सेंचुरी घोषित नहीं किया है.









