सोशल वर्कर बच्चू झा ने फिर जगाई प्रशासन की नींद, सड़क पर जलाभिषेक कर उठाई आवाज
गोड्डा के लोग कहते हैं कि बच्चू झा का नाम अब समस्याओं के समाधान से जुड़ गया है. जहां भी दिक्कत होती है, वहां बच्चू झा जरूर आवाज उठाते हैं उनकी जमीनी लड़ाई का असर यह है कि प्रशासन को मजबूरी में कदम उठाना पड़ता है.

Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:गोड्डा में सोशल वर्कर बच्चू झा जिले की हर छोटी-बड़ी सामाजिक मुद्दों को एक अलग ही अंदाज में हमेशा प्रशासन तक पहुंचाने का काम करते हैं. जिससे उनकी नींदें पलक छपकते ही हवा में गायब हो जाती है. अब उन्होंने कुछ ऐसा किया है जिसे देखकर प्रशासन भी चौंक गया है. दरअसल, गोड्डा जिले में बच्चू झा ही एक ऐसे सोशल वर्कर है जो अपने पूरे जिले की जन समस्याओं को अलग अंदाज में उठाते का काम करते हैं. जिले में चाहे बिजली संकट हो, जलजमाव की समस्या हो या नगर पालिका के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी हो. बच्चू झा प्रशासन को हर मोर्चे पर आईना दिखाने का काम करते हैं।
हाल ही में इसका जीता-जागता उदाहरण देखने को मिला, जब भातडिहा पंचायत सरकंडा चौक स्थित सड़कों पर जमा कीचड़ और गंदे पानी की बच्चू झा ने सड़क पर ही प्रशासन के खिलाफ विरोध व्यक्त करते हुए जलाभिषेक किया. यह अनोखा अंदाज न सिर्फ लोगों का ध्यान खींचने में सफल रहा, बल्कि प्रशासन को भी झकझोर गया.
गोड्डा के लोग कहते हैं कि बच्चू झा का नाम अब समस्याओं के समाधान से जुड़ गया है. जहां भी दिक्कत होती है, वहां बच्चू झा जरूर आवाज उठाते हैं उनकी जमीनी लड़ाई का असर यह है कि प्रशासन को मजबूरी में कदम उठाना पड़ता है. यही वजह है कि जल जमाव की समस्या पर जलाभिषेक विरोध के बाद प्रशासन हरकत में आया और त्वरित कार्रवाई कर पानी निकासी की व्यवस्था की गई. मोहल्ले के लोग बताते हैं कि बच्चू झा सिर्फ मुद्दा उठाते नहीं हैं, बल्कि समाधान तक पीछे नहीं हटते. यही वजह है कि लोग अब उन्हें गोड्डा का सामाजिक प्रहरी कहने लगे हैं.
वहीं, बच्चू झा का यह कहना है कि जब तक गोड्डा की जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलतीं, तब तक यह संघर्ष चलता रहेगा. जनता का हक दिलाना ही मेरा मकसद है. गोड्डा में लोग कहते हैं बिजली गई तो बच्चू झा आगे, पानी रुका तो बच्चू झा आगे, नाली-जाम हुआ तो बच्चू झा आगे, हर मुद्दे पर मुखर: बिजली कटौती, जलजमाव, नगर पालिका की लापरवाही सहित कई समस्याओं को वे मजबूती से उठाते हैं. यानी बच्चू झा हर समस्या का नाम बन चुके हैं.









