संचार साथी ऐप पर सियासी संग्राम: DoT के निर्देश पर विपक्ष का हमला - नागरिकों पर जासूसी कराना चाहती है सरकार
DoT के द्वारा दिए गए एक निर्देश को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाया है. DoT ने मैन्युफैक्चरर्स और इंपोर्टर्स को यह निर्देश दिया है कि सभी नए मोबाइल फोन में संचार साथी एप प्री-इंस्टॉल हो और उसे डिसेबल न किया जा सके. विपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल पर सरकार ने कहा है कि उक्त क्रियाकलाप साइबर सिक्योरिटी के लिए आवश्यक है.

NEW DELHI: विपक्ष ने सरकार पर एक ऐप को लेकर निर्देश देने के बाद जासूसी कराने वाला ऐप बताकर एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है. मामला दरअसल DoT के निर्देश से जुड़ा हुआ है. DoT ने मैन्युफैक्चरर्स और इंपोर्टर्स को यह निर्देश दिया है कि सभी नए मोबाइल फोन में संचार साथी एप प्री-इंस्टॉल हो और उसे डिसेबल न किया जा सके. विपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल पर सरकार ने कहा है कि उक्त क्रियाकलाप साइबर सिक्योरिटी के लिए आवश्यक है.
वहीं पुराने मोबाइल में इस एप को सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए इंस्टॉल करने को कहा गया है. इसके लिए कंपनियों को 90 दिन की डेडलाइन दी गई है. जानकारी सामने आते ही विपक्ष ने सरकार को निशाने पर ले लिया.
प्रियंका गांधी ने कहा, 'यह एक स्नूपिंग ऐप है. नागरिकों को प्राइवेसी का अधिकार है. हर किसी को परिवार, दोस्तों को मैसेज भेजने की प्राइवेसी का अधिकार होना चाहिए, बिना सरकार की नज़र के. वे इस देश को हर तरह से तानाशाही में बदल रहे हैं. पार्लियामेंट इसलिए काम नहीं कर रही है क्योंकि सरकार किसी भी चीज पर बात करने से मना कर रही है. विपक्ष पर इल्जाम लगाना बहुत आसान है. वे किसी भी चीज़ पर चर्चा नहीं होने दे रहे हैं. एक हेल्दी डेमोक्रेसी चर्चा की मांग करती है. फ्रॉड की रिपोर्ट करने और यह देखना कि भारत का हर नागरिक अपने फोन पर क्या कर रहा है, के बीच एक बहुत पतली लाइन है. इस तरह से काम नहीं करना चाहिए.'
नए मुद्दों को तलाशने की जरुरत नहीं है - किरन रिजिजू
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने भी DoT के निर्देश की आलोचना की. वहीं विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'उन्हें मुद्दे ढूंढ-ढूंढकर लाने की जरूरत नहीं है. कामों की एक लिस्ट तैयार की गई है, और उसमें कई मुद्दे हैं. हम विपक्ष के उठाए गए मुद्दों पर भी बहस करेंगे और सोचेंगे कि हमें आगे कैसे बढ़ना है. उन्हें नए मुद्दे ढूंढने और संसद को परेशान करने की जरूरत नहीं है.'
रिजिजू ने कहा, 'सभी मुद्दे अपनी जगह पर महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अगर आप इन मुद्दों का इस्तेमाल संसद को रोकने के लिए हथियार के तौर पर करते हैं, तो यह सही नहीं है. हम विपक्ष के नेताओं से बात करेंगे. मैं पहले से ही उनके संपर्क में हूं. हम उनके मुद्दों को कम नहीं आंक रहे हैं, लेकिन देश में सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई मुद्दे हैं.'
वहीं देवरिया से भाजपा के सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने भी DoT के कदम का बचाव किया. उन्होंने कहा, 'यह एक बहुत जरूरी कदम है. मैं IIT से हूँ, इसलिए मैं समझता हूँ कि किस तरह के साइबर अटैक हो रहे हैं. यह कम्युनिकेशन एप लोगों की सिक्योरिटी की भावना को बढ़ाएगा. हमारा डेटा बाहर नहीं जाएगा और नागरिकों की सुरक्षा का हर पहलू जो पक्का किया जाना चाहिए, उसे डिजिटली सुरक्षित किया जाएगा.'









