सूर्य हांसदा एनकाउंटर मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने की CBI जांच की अनुशंसा
आयोग ने कहा कि 9 अगस्त 2025 को सूर्या की गिरफ्तारी दिखाई गई थी लेकिन उन्हें किसी न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश नहीं किया गया और 24 घंटे से अधिक समय तक पुलिस हिरासत में रखा गया.

सत्यव्रत किरण / Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:राज्य की सियासत गलियारों में सूर्य हांसदा एनकाउंटर का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले को फर्जी करार देते हुए में BJP लगातार राज्य सरकार से पूरे मामले में CBI जांच की मांग कर रही है इस बीच अब सूर्य हांसदा मामले पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने CBI जांच की अनुशंसा की है. बता दें, आयोग ने संथाल के युवा नेता सूर्य हांसदा की कथित फर्जी मुठभेड़ को संदेहास्पद मानते हुए सीबीआई जांच की अनुशंसा की है.
दरअसल, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम निरीक्षण करने के लिए घटनास्थल पर पहुंची. जहां जांच के दौरान टीम ने पाया कि सूर्य हांसदा को पहले यातनाएं दी गईं और उसके बाद गोली मारी गई. इस संबंध में आयोग ने राज्य सरकार को रिपोर्ट भी सौंपी है जिसमें मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों के ट्रांसफर, सूर्या के परिवार को सुरक्षा देने साथ ही एनकाउंटर मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की मांग की गई है. आयोग ने कहा कि 9 अगस्त 2025 को सूर्या की गिरफ्तारी दिखाई गई थी लेकिन उन्हें किसी न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश नहीं किया गया और 24 घंटे से अधिक समय तक पुलिस हिरासत में रखा गया. आयोग ने स्पष्ट कहा कि न्याय सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. अनुसूचित जनजाति आयोग को बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने पूर्व में पत्र लिखकर मामले की जांच का आग्रह किया था.
सूर्या हांसदा के परिवार के न्याय के लिए आयोग को लिखा पत्र- दीपक प्रकाश
वहीं आज, सांसद दीपक प्रकाश ने प्रदेश बीजेपी कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया जिसमें उन्होंने कहा कि दीपक प्रकाश ने कहा कि संथाल के होनहार मुखर नेता, माफियाओं के खिलाफ लड़ने वाला, निर्धन बच्चों को पढ़ने वाला सूर्या हंसदा फर्जी इनकाउंटर मामले की शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को किया. सांसद के हैसियत से फर्जी मुठभेड़ ने मुझे झकझोर दिया. झारखंड और सूर्य के परिवार के न्याय के लिए पत्र लिखा था. आयोग के मिले रिपोर्ट को मानना सभी की नैतिकित जिम्मेवारी है. 9 अगस्त को देवघर में सूर्या हंसदा की गिरफ्तारी दिखाई गई. मगर किसी जुडिशल ऑफिस के सामने पेश नहीं किया गया. फिर गोड्डा ले जाकर सूर्या को कई घंटे रखा गया. 24 घंटे से ज्यादा किसी को पुलिस अपने पास नहीं रख सकता है.
सांसद ने बताया कि इस पूरे मामले में आयोग ने जांच की, खुद आयोग की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. वहां जांच में स्पष्ट रूप से पाया कि इनकाउंटर संदेहास्पद है. सूर्य हांसदा की जारी तस्वीर से स्पष्ट होता है कि पहले किसी यातना से मारा गया और उसके बाद मरे हुए को गोली मारी गई. ST आयोग भी मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा की. मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों की ट्रांसफर की जाए, सूर्या के परिवार को सुरक्षा दी जाए, राज्य की सरकार की नियत ठीक होती तो अधिकारी अभी भी उसी जगह अपने पद पर नहीं बने रहते. उन्होंने कहा कि सूर्य हांसदा पर माफियाओं के खिलाफ लड़ने के कारण मुकदमे किए जाते थे. माफियाओं के इशारे पर ही हत्या की गई है.









