अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं विधायक सत्येंद्रनाथ, रांची में खा रहें छठ का प्रसाद- JMM
गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी पर JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के मीडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने तीखा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अपने क्षेत्र की जनती की जिम्मेदारियों से विधायक मुंह मोड़ चुके हैं.

Garhwah: JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के मीडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अपने क्षेत्र की जनती की जिम्मेदारियों से विधायक मुंह मोड़ चुके हैं. पर्व त्यौहारों के वक्त वे रांची में रहकर जनता से दूरी बनाए हुए हैं. धीरज दुबे ने कहा कि नवरात्रि, दशहरा, दीपावली, लक्ष्मी पूजा और अब महापर्व छठ जैसे अवसरों पर भी गढ़वा विधायक अपने क्षेत्र में दिखाई नहीं दिए. जनता जब अपने जनप्रतिनिधि के साथ पर्व मनाना चाहती है, तब विधायक जी गायब रहते हैं !
आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि चुनाव के समय सत्येंद्र नाथ तिवारी ने सनातनी होने का दावा करते हुए जनता से कई झूठे वादे किए थे. जिनमें जाटा सूर्य मंदिर का निर्माण, डूमरो चौक पर दुर्गा मंदिर, चिरौंजिया में देवी मंदिर का जीर्णोद्धा और कई गांव में धार्मिक स्थल के निर्माण जैसे कार्य शामिल थे. लेकिन चुनाव जीतने के बाद इन वादों को उन्होंने पूरी तरह भूला दिया. वादा पूरा करने के डर से जनता के बीच जाने से वे डर रहे हैं !
उन्होंने विधायक पर निशाना साधते हुए कहा कि विधायक रांची में रहकर अपने प्रतिनिधियों के माध्यम कमीशन वसूली करवा रहे हैं. जनता के बीच जाने के बजाय वे बहाना बनाकर राजधानी में डेरा डाले हुए हैं. क्षेत्र की सड़कों, मंदिरों, छठ घाटों और विकास योजनाओं की हालत बदतर है, लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं. गढ़वा की जनता अब जाग चुकी है और ऐसे “भागते हुए जनप्रतिनिधियों” को आने वाले चुनाव में जवाब देगी. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विधायक जी जनता से दूर रहकर चाहे कितनी भी सफाई दें, सच्चाई यह है कि वे जनता की आस्था और भावनाओं से भाग रहे हैं.
दुबे ने कहा कि छठ जैसे महापर्व आस्था, एकता और जनसंपर्क का प्रतीक है, लेकिन गढ़वा के विधायक की गैरमौजूदगी इस बात का संकेत है कि उन्हें अब जनता के सुख-दुख से कोई लेना-देना नहीं रह गया. गढ़वा की जनता के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि विधायक का “रांची प्रेम” कहीं जनता से दूरी का बहाना तो नहीं बन गया है. छठ पर्व जैसे अवसर पर जनता जहां घाटों पर सूर्य उपासना में व्यस्त है, वहीं उनके विधायक राजधानी में छठ प्रसाद का आनंद ले रहे हैं.









