जिलाध्यक्ष की दावेदारी में गिरिडीह के कई कांग्रेसी नेता, लेकिन संकेत ओबीसी कोटे को कमान सौंपने का
जनसंख्या के आधार पर इस बार फिर गिरिडीह कांग्रेस का नेतृत्वकर्ता ओबीसी चेहरा मिलने की उम्मीद अधिक दिख रही है. हालांकि इमरान समेत अन्य सदस्यों में रिपोर्ट के बाद निर्णय लिया जाना है. लेकिन...

Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:संगठन सृजन अभियान के तहत कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं के लिए दरी बिछाने वाले कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष के रूप में कमान सौंपने का निर्णय लिया है. लिहाजा, राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर गुजरात से विधायक इमरान खेड़ावाला के साथ पूर्व मंत्री जेपी पटेल को गिरिडीह में रायसुमारी के लिए भेजा गया. करीब पांच दिनों तक जिले के अलग-अलग प्रखंड में पार्टी के ग्राउंड लेबल कार्यकर्ताओं से दोनों नेताओं ने मिलकर उनकी राय ली.
राय-सुमारी में क्या सामने आया, ये फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ. लेकिन राहुल गांधी के ओबीसी कार्ड के बाद अब प्रयास हो रहा है कि झारखण्ड के अधिकांश जिलों में जिलाध्यक्ष के रूप में ओबीसी चेहरा हो, लिहाजा, राहुल गांधी के इसी फ़ार्मूले पर गिरिडीह में भी ओबीसी चेहरा को कमान सौंपा जा सकता है. इसका संकेत भी शुक्रवार को गुजरात विधायक इमरान खेडावला ने सर्कित हॉउस के बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया था. क्योकि गिरिडीह में ओबीसी वर्ग की संख्या सबसे अधिक है.
लिहाजा, जनसंख्या के आधार पर इस बार फिर गिरिडीह कांग्रेस का नेतृत्वकर्ता ओबीसी चेहरा मिलने की उम्मीद अधिक दिख रही है. हालांकि इमरान समेत अन्य सदस्यों में रिपोर्ट के बाद निर्णय लिया जाना है. लेकिन जिलाध्यक्ष के रेस में वर्तमान जिलाध्यक्ष धनंजय सिंह ने अगड़ी जाति से दूसरी बार दावेदारी किया है. अगड़ी जाति में ही प्रदेश सचिव अजय सिन्हा मंटू, ऋषिकेश मिश्रा ने भी दावेदरी किया है.
वहीं ओबीसी कोटे से सिर्फ एक दावेदार अशोक विश्वकर्मा और अनुसूचित जाति से राजेश तुरी ने दावेदारी किया है. लिहाजा, सारे दावेदारों ने अपने पक्ष में तगड़ा लॉबीग भी किया. कुछ दावेदारों ने तो दूसरे दल के कार्यकर्ताओं को भी अपने पक्ष में लाबिंग करते देखे गए. लेकिन गुजरात विधायक इमरान खेड़ावाला को शुक्रवार को समझें देर नहीं लगा.









