मनरेगा लूट का बड़ा खुलासा: नाबालिगों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड, सिमानपुर मुखिया मुन्ना पासवान निलंबित
मामला सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया. अनुमंडल पदाधिकारी ने पूरे प्रकरण की जांच कर अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी. जांच रिपोर्ट के आधार पर मुखिया मुन्ना पासवान से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन मुखिया का जवाब प्रशासन को संतोषजनक नहीं लगा. जिसके बाद बड़ा एक्शन लिया गया.

Jharkhand (Godda): जिले के मेहरमा प्रखंड अंतर्गत सिमानपुर पंचायत… जहां मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना को शर्मसार करने वाला घोटाला सामने आया है. यहां के मुखिया मुन्ना पासवान पर आरोप है कि उन्होंने नाबालिग बच्चों की जन्मतिथि में छेड़छाड़ कर फर्जी जॉब कार्ड बनवाए और फिर मनरेगा की राशि की अवैध निकासी कर ली.
मामला सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया. अनुमंडल पदाधिकारी ने पूरे प्रकरण की जांच कर अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी. जांच रिपोर्ट के आधार पर मुखिया मुन्ना पासवान से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन मुखिया का जवाब प्रशासन को संतोषजनक नहीं लगा. जिसके बाद बड़ा एक्शन लिया गया. और उपायुक्त के आदेश पर सिमानपुर पंचायत के मुखिया मुन्ना पासवान को निलंबित कर दिया गया. इसके साथ ही उनके सभी वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिए गए हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि मनरेगा गरीबों की रोज़ी-रोटी का सहारा है. अगर उसी योजना में घोटाला हो, तो ये सीधे-सीधे गरीबों के पेट पर लात मारने जैसा है. फिलहाल मुखिया की कुर्सी गई, अधिकार छीने गए, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या घोटाले से निकाले गए पैसे की वसूली होगी? और क्या इस मामले में आगे और भी चेहरे बेनकाब होंगे?
खैर...! जिस तरीके से जांच प्रतिवेदन दिया गया है उससे ऐसा लगता है कि सिमनपुर पंचायत के मुखिया मुन्ना पासवान रोजगार सेवक मोहम्मद खालिद हुसैन, पंचायत सचिव चंदन ठाकुर और मजदूर में संगीता देवी इन सभी के मिली भगत से आधार कार्ड में अंकित जन्मतिथि के साथ छेड़छाड़ कर मनरेगा के पैसे को नाबालिक बच्चों के द्वारा मजदूर जॉब कार्ड बनाकर पैसे की अवैध निकासी कर लिया गया. लेकिन यह मनरेगा में घोटाला नहीं, ये गरीबों के हक़ पर हमला है… और अब प्रशासन के लिए ये अग्निपरीक्षा भी.
रिपोर्ट- प्रिंस यादव









