झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने दिया इस्तीफा, सियासत में मचा घमासान
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों के मुताबिक उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है. इस्तीफे के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने इसे “देर आए दुरुस्त आए” बताते हुए गुप्ता पर कई गंभीर आरोप लगाए, जबकि कांग्रेस ने सीपी सिंह के बयान पर तीखा पलटवार किया.

Naxatra News
Ranchi : झारखंड पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि सरकार की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है. 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्ता की नियुक्ति शुरू से ही विवादों में रही थी. सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें डीजीपी बनाए जाने के फैसले को अदालत में चुनौती दी गई थी.
इस मामले में भाजपा नेता और झारखंड में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि यह राजनीतिक उद्देश्य से दायर अवमानना याचिका है. वहीं, केंद्र सरकार ने राज्य को तीन बार पत्र लिखकर इस नियुक्ति को नियमविरुद्ध बताया था.
प्रमोशन और कार्यकाल को लेकर उठे सवाल
गुप्ता के कार्यकाल में प्रमोशन और पदोन्नति को लेकर भी विवाद सामने आए. डीएसपी रैंक के अधिकारियों के प्रमोशन मामलों में उनके निर्णय पर सवाल उठे. यूपीएससी ने भी गुप्ता के कार्यकाल विस्तार को स्पष्ट न होने के कारण कई प्रमोशन मामलों पर फैसला टाल दिया था. अब उनके इस्तीफे के बाद नए डीजीपी की दौड़ में सीनियर आईपीएस प्रशांत सिंह और एमएस भाटिया के नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं.
सियासी बयानबाज़ी से गरमाया माहौल
भाजपा विधायक सीपी सिंह ने गुप्ता के इस्तीफे को “देर आए दुरुस्त आए” कहा और आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में कई घोटालों से जुड़ी रकम की हेराफेरी हुई. उन्होंने कहा कि “अब डील में गड़बड़ी हुई लगती है, तभी इस्तीफा देना पड़ा.” सीपी सिंह ने यहां तक कहा कि “कामना है कि उन्हें जेल न जाना पड़े.”
वहीं कांग्रेस ने सीपी सिंह के बयान पर करारा पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा अपने ही बनाए अधिकारियों पर अब आरोप लगाकर जिम्मेदारी से बचना चाहती है. झारखंड की राजनीति में यह इस्तीफा नए सियासी समीकरणों का संकेत दे रहा है.









