जमुआ गोलीकांड: आवश्यक दस्तावेजों को नहीं पेश कर सकी पुलिस, बढ़ा दी गई सुनवाई की तारीख
गिरिडीह के जमुआ गोलीकांड मामले में सत्र न्यायालय द्वारा उचित दस्तावेजों की कमी के कारण सुनवाई की तिथि एक महीने आगे बढ़ा दी गई है. वहीं गिरिडीह पुलिस पर सवाल यह भी उठने लगे हैं कि अधिकारियों के निर्देश के बावजूद मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से अब तक दूर क्यों है?

JHARKHAND (GIRIDIH): जमुआ के कारोडीह जमीन विवाद को लेकर हुए चर्चित गोलीकांड मामले में बुधवार को गिरिडीह अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश द्वारा सुनवाई की नई तिथि जारी की गई है. अब सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह में होगी. न्यायधीश विशाल कुमार के न्यायलय में बुधवार को सरकारी वकील और बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रकाश सहाय के बीच बहस हुई. लेकिन कोई परिणाम नहीं निकल सका, क्योंकि मामले में जमुआ थाना पुलिस द्वारा केस डायरी ही नहीं भेजा गया. जिस कारण पर जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकी.
लिहाजा, न्यायलय ने मामले को अब आगामी जनवरी तक के लिए टाल दिया है. हालांकि बुधवार को सुनवाई के दौरान न्यायलय ने अग्रिम जमानत याचिका लगाने वाले किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई रोक नहीं लगाया है.
बता दें कि गिरिडीह में बैठक के दौरान आईजी सुनील भास्कर ने जमुआ पुलिस को कड़ी वार्निंग देते हुए फरार जमीन माफियाओं (सन्नी रायण व अन्य मुख्य आरोपी) को दबोचने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद जब आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं, तो सवाल उठने लाजमी हैं, कि आखिर क्यों पुलिस अब तक अपराधियों को नहीं पकड़ सकी. वहीं आरोपियों के पकड़े जाने को लेकर रिवॉर्ड का भी ऐलान किया गया था.
बताया जा रहा है कि अब गिरिडीह के चर्चित मामले में खुद सूबे की डीजीपी तदासा मिश्रा का आदेश आने पर फरार जमीन माफियाओं पर शिकंजा कसा जाएगा. वैसे बुधवार को चर्चा यह भी रही कि जमानत लेने वाले फरार जमीन माफिया कोर्ट में आत्मसमर्पण कर सकते है. लेकिन देर शाम तक गिरिडीह कोर्ट में ऐसा कुछ नहीं हुआ.
रिपोर्ट: मनोज कुमार पिंटू









