इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते पर बनी सहमति.. क्या बरकरार रह पाएगा युद्धविराम ?
मध्य पूर्व में लंबे समय से जारी संघर्ष के बीच, इज़राइल और गाज़ा क्षेत्र के एक प्रमुख संगठन के बीच युद्धविराम और बंधक विनिमय समझौते का पहला चरण संपन्न हुआ है। यह समझौता कई हफ्तों की मध्यस्थता और कूटनीतिक प्रयासों का परिणाम है।

आज मध्य पूर्व में लंबे समय से जारी हिंसा और संघर्ष के बीच एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. इज़राइल और गाज़ा क्षेत्र में सक्रिय प्रमुख संगठन के बीच पहले चरण का युद्धविराम और बंधक विनिमय समझौता हुआ है. यह समझौता कई हफ्तों की मध्यस्थता और कूटनीतिक प्रयासों के बाद सामने आया है.
🔹मुख्य शर्तें क्या हैं ?
24 घंटे के भीतर युद्धविराम लागू होगा.
इज़राइली सेना गाज़ा के कुछ हिस्सों से आंशिक वापसी शुरू करेगी.
72 घंटे में बंधकों की रिहाई
हमास की ओर से कम से कम 20 इज़राइली बंधकों को रिहा करने का वादा किया गया है.
इजरायल भी करेगी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा
इज़राइल 100 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा, हालांकि बड़े नेताओं को इस चरण में शामिल नहीं किया गया है.
मानवीय सहायता का प्रवेश
गाज़ा में जरूरी राहत सामग्री भेजने की सहमति बनी है, जिसमें दवाइयां, भोजन और पानी शामिल हैं.
🔹कैसे पहुँचा गया समझौते तक ?
यह समझौता तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के जरिए हुआ. कई हफ्तों से विभिन्न देशों ने दोनों पक्षों के बीच बातचीत करवाने की कोशिश की. अंततः एक ऐसे प्रारूप पर सहमति बनी जिसे दोनों पक्षों ने "व्यवहारिक और शुरुआती समाधान" माना.
🔹प्रतिक्रियाएँ और माहौल
इज़राइल और गाज़ा दोनों में राहत का माहौल
दोनों क्षेत्रों में नागरिकों ने थोड़ी राहत की सांस ली है. कुछ इलाकों में लोगों ने जश्न भी मनाया.
राजनीतिक बहस जारी
इज़राइल की आंतरिक राजनीति में इस समझौते को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आईं. कुछ नेताओं ने इसे सकारात्मक बताया, तो कुछ ने इसे सुरक्षा के लिए जोखिमपूर्ण करार दिया.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सराहना
विभिन्न देशों ने इस कदम को शांति की दिशा में पहल बताया और दोनों पक्षों से समझौते का ईमानदारी से पालन करने की अपील की.
आगे की राह
- यह समझौता अस्थायी है और इसका उद्देश्य स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम उठाना है.
- अगले चरणों में सभी बंधकों की रिहाई पर बातचीत होगी.
- इज़राइल की सेना की पूरी वापसी पर सहमति की कोशिश होगी.
- गाज़ा के प्रशासन और पुनर्निर्माण से जुड़ी रणनीतियाँ तय की जाएंगी.









