झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अलका तिवारी ने संभाला राज्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार
अलका तिवारी झारखंड कैडर की 1988 बैच की वरिष्ठ IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी हैं. 30 सितंबर 2025 को झारखंड के मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुईं है. उनके सम्मान में धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन में विदाई समारोह का आयोजन किया गया

Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव और वरिष्ठ IAS अधिकारी अलका तिवारी ने आज गुरुवार (2 अक्तूबर 2025) को झारखंड राज्य निर्वाचन आयुक्त (8वें) का पदभार ग्रहण किया. बता दें, राज्य सरकार ने उन्हें बीते 30 सितंबर 2025 (मंगलवार) को सेवानिवृत्त किया था. वहीं इसके अगले दिन यानी 1 अक्तूबर को झारखंड पंचायती राज विभाग ने अधिसूचना जारी कर उनकी नियुक्ति राज्य निर्वाचन आयुक्त के रुप में करने की घोषणा की थी.
4 साल राज्य निर्वाचन आयुक्त पर रहेंगी
जारी अधिसूचना में कहा गया था कि अलका तिवारी अपने पद ग्रहण की तिथि से लेकर अगले 4 साल तक 65 वर्ष की आयु तक राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर रहेंगी. अगर 4 साल की अवधि खत्म होने से पहले उनकी आयु 65 हो जाती है तो उन्हे उसी तिथि को अपना पद छोड़ना होगा. उन्होंने गुरुवार यानी 2 अक्तूबर को निर्वाचन आयुक्त का पद ग्रहण कर लिया है.
5 अक्टूबर से कामकाज शुरू करेंगी अलका तिवारी
झारखंड पंचायती राज विभाग की तरफ से जारी अधिसूचना में झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 की धारा 66(2) का हवाला दिया गया है जिसके तहत अलका तिवारी की नियुक्ति की गई है. अधिसूचना में यह भी स्पष्ट कहा गया है कि झारखंड निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल पद ग्रहण करने के दिन से शुरू हो जाएगा. राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद की सेवा शर्तें एवं अवधि राज्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति एवं सेवा शर्तें) नियमावली 2001 और उसमें समय-समय पर हुए संशोधनों के तहत तय होंगी. आगे बताया गया है कि दुर्गोत्सव की छुट्टियों के उपरांत 5 अक्तूबर (सोमवार) को औपचारिक रुप से वे आयोग में कामकाज आरंभ करेंगी.
1988 बैच की IAS अधिकारी है अलका तिवारी
बता दें, अलका तिवारी झारखंड कैडर की 1988 बैच की वरिष्ठ IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी हैं. 30 सितंबर 2025 को झारखंड के मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुईं है. उनके सम्मान में धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन में विदाई समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य निर्वाचन आयुक्त के रुप में अलका तिवारी को नामित करने का ऐलान किया था. वहीं अलका तिवारी की जगह राज्य सरकार ने IAS अविनाश कुमार को मुख्य सचिव के पद की जिम्मेवारी सौंपी है.
उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जानी जाती है अलका तिवारी
अपने कार्यकाल में अलका तिवारी ने योजनाओं और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में अपनी अहम भूमिका निभाई है. वह बेदाग, ईमानदारी और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जानी जाती है उनकी सादगी, सरलता, कड़ी मेहनत और कार्यकुशलता के लिए उन्हें बहुत सम्मान दिया जाता है. वह भारत सरकार के नीति आयोग में सलाहकार, केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव इसके अलावे जनजाति आयोग के सचिव के पद पर भी अपना योगदान दे चुकी है. झारखंड में अलका तिवारी गुमला और हजारीबाग जिले में उपायुक्त (DC) के पद पर भी कार्यरत रही हैं. साथ ही वाणिज्यिक कर और वन एवं पर्यावरण विभागों में वे सचिव रह चुकी हैं.
अलका तिवारी ने छात्र जीवन से ही मेधावी पहचान बनाई. मेरठ यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और टॉपर होने पर उन्हें राज्यपाल के हाथों गोल्ड मेडल दिया गया है इसके बाद यूनाइटेड किंगडम के मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से एमएससी की. वहां भी मैनेजमेंट व डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में गोल्ड मेडल जीता. उन्होंने रांची यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली और हार्वर्ड व ड्यूक यूनिवर्सिटी समेत कई प्रतिष्ठित संस्थानों से शॉर्ट टर्म कोर्स पूरे किए. उनकी इसी शैक्षणिक पृष्ठभूमि और प्रशासनिक दक्षता ने उन्हें राज्य की तेज-तर्रार महिला अफसरों की श्रेणी में खड़ा किया.









