'सट्टा किंग' पर कसा ED का शिकंजा! साइकिल से करोड़ों के वाहन तक का सफर कब तक?
स्पोर्ट्स ऐप ड्रीम-11, माया 1 सर्कल, एमपीएल प्लेटफॉर्म के सहयोगी के तौर पर पहचान रखते हैं. आय से अधिक संपत्ति मामले में ED ने शिकंजा कसा है. उन्नाव के अलावा लखनऊ व दिल्ली में भी छापेमारी की बात सामने आ रही है. अनुराग करोड़पति के तौर पर पहचान रखते हैं और 'उरुस' जैसी लग्जरी वाहनों की सवारी करते हैं. ED का दायरा बढ़ने से अनुराग की मुश्किलें भी बढ़ती दिख रही हैं.

UP (UNNAO): उन्नाव के एक छोटे से ब्लॉक नवाबगंज के भितरेपार गांव के रहने वाले अनुराग द्विवेदी गांव की गलियों से निकल कर बहुत कम समय में करोड़पति तक का सफर तय कर लिया है. ड्रीम-11 आदि गेमिंग ऐप्स के जरिए पैसे कमाकर गाड़ियों की फहरिस्त खड़ी करने वाले अनुराग द्विवेदी के घर बुधवार, 17 दिसंबर को ED ने दस्तक दी, जो 18 सितंबर की शाम को जा कर खत्म हुई. महज सात-आठ सालों में ही करोड़पति का दर्जा हासिल करने वाले अनुराग पर ईडी की नजर इसी वर्ष 22 नवंबर को हुई उनकी ग्रैंड शादी के बाद पड़ी. बता दें कि उनकी शादी का सारा इंतजाम दुबई में किया गया था. वहीं आए सारे मेहमानों के आने-जाने की व्यवस्था भी की गई थी. वहीं ये शादी एक क्रूज में की गई थी. ED की रेड तब पड़ी जब अनुराग अपने घर पर नहीं था.

ED ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत अनुराग द्विवेदी पर कार्रवाई की है. शुरुआती जांच में सामने आया कि अनुराग द्विवेदी द्वारा अवैध कमाई से बनाई गई संपत्तियों को छिपाने और उन्हें वैध दिखाने की कोशिश की जा रही थी. इसी आधार पर ED ने अनुराग द्विवेदी के नवाबगंज स्थित आवास पर कार्रवाई कर चारों लग्जरी कारों को अटैच कर लिया.

गरीबी से जूझने के बाद अब अमीरों वाली जिन्दगी जी रहे अनुराग के पास सुगम जीवन की प्रत्येक सुविधाएं उपलब्ध हैं. जो कभी साइकिल से आया-जाया करते थे, वहीं आज उनके बंगले में गाड़ियों की लाइनें लगी हैं. जिसमें BMW, फेरारी, मर्सिडीज, लैंबॉर्गिनी और डिफेंडर शामिल हैं. कहीं भी वो फ्लाइट से जब चाहें यात्राएं कर सकते हैं. यही नहीं गांव में अनुराग ने आलीशान बंगला भी बनवा रखा है. इसी तरह का एक बंगला लखनऊ में भी है.

कानपुर से सटा उत्तर प्रदेश का एक जिला उन्नाव है. इस जिले का रहने वाला एक 26 साल का यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. अनुराग के चर्चा में आने की वजह उसकी लग्जरी लाइफ है. कभी साइकिल से चलने वाला अनुराग आज काफिले के साथ चलता है. इसके काफिले में चलने वाली सभी गाड़ियां भी लग्जरी हैं, जिसमें BMW, फेरारी, मर्सिडीज, लैंबॉर्गिनी और डिफेंडर शामिल हैं. इनकी कीमत भी करोड़ों में है. यही नहीं गांव में अनुराग ने आलीशान बंगला भी बनवा रखा है. इसी तरह का एक बंगला लखनऊ में भी है. इन बंगलों में जो सुविधाएं हैं, वो किसी मंत्री और अधिकारी के बंगले में भी नहीं मिलेंगी.
ED की टीम 17 दिसंबर को नवाबगंज के खजूर गांव भितरेपार अनुराग द्विवेदी के घर पहुंची. उस समय अनुराग द्विवेदी घर पर मौजूद नहीं था. ED ने जांच-पड़ताल के बाद घर पर खड़ीं चार लग्जरी गाड़ियां जब्त कर लीं. जब्त की गई गाड़ियों में एक लैम्बॉर्गिनी, एक मर्सिडीज और दो अन्य कारें थीं. अनुराग द्विवेदी पर आरोप है कि उसने ऑनलाइन जुआ व सट्टेबाजी ऐप्स के जरिए अवैध तरीके से भारी मात्रा में पैसा कमाया. ये ऐप्स ऑनलाइन सट्टा खिलाने का काम करते हैं, जो भारत में गैरकानूनी है. ED का कहना है कि इन ऐप्स से होने वाली कमाई को अलग-अलग तरीकों से इधर-उधर घुमाया गया और फिर उसी पैसे से लग्जरी गाड़ियां और अन्य महंगी चीजें खरीदी गईं.

युवराज के 6 छक्के से हुए प्रभावित
अनुराग द्विवेदी ने एक पॉड कास्ट में कहा था कि, “कभी कहीं आने जाने के लिए हमारा परिवार किराए की गाड़ी से चला करता था. आज हमारे पास महंगी और लग्जरी गाड़ियों का काफिला है.” अनुराग ने ये भी बताया था कि 2007 से पहले उसको क्रिकेट का कोई ज्ञान नहीं था. न ही वह क्रिकेट देखता था. 2007 में पहले T-20 वर्ल्ड कप में जब युवराज सिंह ने छह छक्के मारे थे तो इसी के बाद उसे क्रिकेट का शौक पैदा हुआ.
2017 से गेमिंग के प्लेटफॉर्म पर रखा कदम
अनुराग ने बताया था कि उसके दोस्त संजीव ने उसे बताया कि फैंटेसी लीग स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म में पैसा लगाओ. पहले मैंने 200 रुपए से खेलना शुरू किया. फिर दो-तीन हजार तक खेलने लगा. पहले कुछ हारा भी और कुछ जीता भी. 2017 में उसने IPL के छह मैच खेले और उसमें 3.50 लाख रुपए जीता. इसके बाद यह सिलसिला चलता रहा और वह बुलंदियों पर पहुंचने लगा.
यूट्यूब और प्रमोशन का एंगल
अनुराग द्विवेदी सोशल मीडिया, खासकर यूट्यूब के जरिए काफी मशहूर है. यूट्यूब पर उसके 7 मिलियन सबस्क्रायबर हैं. उस पर आरोप है कि उसने अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल इन सट्टेबाजी और जुआ ऐप्स को प्रमोट करने के लिए किया. इससे बड़ी संख्या में लोग इन ऐप्स से जुड़े और अवैध गतिविधियों का दायरा और बढ़ गया. ED की जांच अभी जारी है. एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस पूरे नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, कितना पैसा अवैध तरीके से कमाया गया और उसे कहां-कहां निवेश किया गया?
रिपोर्ट: आशीष गौड़









