धनबादः आरोपों का रन क्षेत्र बनता जा रहा एगारकुण्ड प्रखंड
10 सितंबर को एगारकुण्ड प्रखंड के उपप्रमुख एवं कुछ पंचायत समिति सदस्यों द्वारा प्रमुख एवं बीडीओ पर कमीशन लेने, प्रखंड कार्यालय में पंचायत समिति के पैसे का दुरूपयोग करने, योजना के आवंटन में भेदभाव करने तथा पंचायत समिति के काम में बाहरी लोगों का हस्तक्षेप सहित कई अन्य आरोप लगाए गए थे.

बंटी झा / Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:धनबाद का एगारकुण्ड प्रखंड आरोपों का रन क्षेत्र बनता जा रहा है जहां से आमजनों व क्षेत्र के विकास की योजनाएं बनती है.यहां राजनीतिक दलों के साथ धरना और आरोपो का युद्ध चल है. दरअसल, 10 सितंबर को एगारकुण्ड प्रखंड के उपप्रमुख एवं कुछ पंचायत समिति सदस्यों द्वारा प्रमुख एवं बीडीओ पर कमीशन लेने, प्रखंड कार्यालय में पंचायत समिति के पैसे का दुरूपयोग करने, योजना के आवंटन में भेदभाव करने तथा पंचायत समिति के काम में बाहरी लोगों का हस्तक्षेप सहित कई अन्य आरोप लगाए गए थे. जिसे लेकर प्रखंड प्रमुख संगीता महतो ने शुक्रवार अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता कर सारे आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दी.
उन्होंने कहा कि अचानक साढ़े तीन साल बाद उप प्रमुख एवं कुछ पंचायत समिति सदस्यों को यह याद आया कि मैं उन लोगों से कमीशन लेती हूं, या जो आरोप उन लोगों ने लगाया है वह करती हूं. फिर उन्होंने इतने दिनों तक क्यों चुप रहे. महिला होने के कारण वे लोग नाजायज फायदा उठाना चाहते हैं जिसे मैं कभी पूरी नहीं होने दूंगी. जहां तक उप प्रमुख के कमरा को खाली करने का सवाल है पिछले 8 सितंबर को पंचायत समिति की बैठक में यह निर्णय हुआ था कि पदाधिकारी के बैठने के लिए कमरा नहीं है इसलिए उप प्रमुख का कमरा को खाली कर दिया जाए. क्योंकि पंचायत समिति के बैठक में लगातार यह मांग होती आई है कि बैठक के दौरान पदाधिकारी उपस्थित अनुपस्थित रहते हैं.
कमरा हो जाने के बाद पदाधिकारी सप्ताह में दो दिन आकर एग्यारकुंड प्रखंड कार्यालय में बैठेंगे. इसका लाभ यहां के ग्रामीणों को मिलेगा. इन्हें निरसा जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मैं उपायुक्त महोदय से यह मांग करूंगी की जो आरोप उन लोगों ने मुझ पर लगाया है. उसकी जांच हो अगर मैं दोषी पाई जाती हूं तो मैं उसी दिन इस्तीफा दे दूंगी. उन लोगों द्वारा बिना सबूत के आरोप लगाए जाने के कारण हमारी छवि को काफी नुकसान हुआ है. मौके पर 9 पंचायत समिति सदस्य मौजूद थे.









