नवरात्रि पर बलबड्डा दुर्गा पूजा बना आकर्षण का केंद्र, गंगा आरती से लेकर डांडिया उत्सव तक उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
सूर्य सरोवर तालाब पर गंगा आरती जहां श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण बनी हुई है, वहीं डांडिया उत्सव ने भी लोगों का दिल जीत लिया. डांडिया में शामिल छोटे बच्चों की शानदार प्रस्तुति देखने के लिए आसपास के गांवों से भीड़ उमड़ पड़ी.

प्रिंस यादव / Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम, ओ शेरा वाली ऊंचे डेरा वाली, बिगड़े बना दे मेरे काम नाम रे... इन दिनों यह गाना खूब बज रहा है शारदीय नवरात्र का पर्व शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. जहां नवरात्र के पावन अवसर पर जिले के बलबड्डा में ऐतिहासिक मेले में इतिहास में पहली बार दो वर्षों की परंपरा में पहली बार डांडिया महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया.
मंदिर प्रांगण में जब स्कूली बच्चों ने हाथों में डांडिया लेकर रंग-बिरंगी पोशाकों में प्रस्तुति दी. पूजा समिति ने इस बार दुर्गा पूजा को और खास बनाने के लिए लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है. सूर्य सरोवर तालाब पर गंगा आरती जहां श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण बनी हुई है, वहीं डांडिया उत्सव ने भी लोगों का दिल जीत लिया. डांडिया में शामिल छोटे बच्चों की शानदार प्रस्तुति देखने के लिए आसपास के गांवों से भीड़ उमड़ पड़ी.
मेला समिति के सदस्य अरुण राम, नयन राम और धनंजय सिंह ने बताया कि बलबड्डा के इतिहास में पहली बार मेला प्रांगण में स्कूली बच्चों के द्वारा डांडिया महोत्सव आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इसे और बड़े स्तर पर मनाने की योजना है, ताकि बलबड्डा का सांस्कृतिक महत्व पूरे जिले और राज्य में अलग पहचान बना सकें.
बलबड्डा में दुर्गा पूजा अब केवल पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं रही, बल्कि गंगा आरती, डांडिया रावण दहन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इसे धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक उत्सव का भी केंद्र बना दिया है. कहा जाता है कि डांडिया नृत्य में सजी हुई लकड़ी की छड़ियों को एक-दूसरे पर, एक दूसरे के साथ बजाते हुए संगीत की थाप पर नृत्य करते हैं. यह देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध का प्रतीक है, जहां छड़ियां देवी की तलवार का प्रतीक हैं !









