अफ्रीका के कैमरून में फंसे गिरिडीह के पांच मजदूर, वीडियो जारी कर मांगी मदद
गिरिडीह के साथ हजारीबाग के कुल 5 मजदूर काम की तलाश में गए अफ्रीका के कैमरून में वेतन न मिलने के कारण फंसे हुए हैं. उनके द्वारा एक वीडियो भेजकर मदद की गुहार लगाई गई है. सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी घट चुकी है. लेकिन उससे लोग सबक नहीं ले रहे.

JHARKHAND (GIRIDIH): रोजी रोटी की तलाश में साउथ अफ्रीका गए गिरिडीह व हजारीबाग के पांच मजदूर वहां फंस गए हैं. लिहाजा, पांचों मजदूरों ने वीडियो जारी कर केंद्र और राज्य सरकार से अपील करते हुए मुक्त कराने की मांग की है.
अफ्रीका के कैमरून में फंसे पांचो मजदूरों की हालत बदतर हो गई है. उनके द्वारा भेजे गए वीडियो के जरिए उन्होंने बताया कि उन्हें मिलने वाले वेतन को भी रोक दिया गया है. अब उनके लिए खाने के लाले पड़ गए है. कैमरून में फंसे मजदूरों में हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत ऊंचाघना के सुनील महतो, सुकर महतो, करगालो के चंद्रशेखर कुमार, डीलों महतो व गिरिडीह जिले के डुमरी के दिलचंद महतो शामिल हैं.

मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकंदर अली को मजदूरों ने वीडियो भेजा है. मजदूरों द्वारा भेजे गये वीडियो को सिकंदर अली ने मीडिया के साथ शेयर किया है. सिकंदर अली ने भी केंद्र और राज्य सरकार से इन मजदूरों के सकुशल वतन वापसी के लिए ठोस कूटनीतिक पहल करने की मांग की है.
पहले भी घट चुकी है यही घटना
सिकंदर अली ने बताया कि विदेशों में फँसने वाले मजदूरों की यह कोई नई घटना नहीं है. इससे पहले भी कई प्रवासी मजदूर ज्यादा कमाई के लालच में बाहर जाकर मुश्किलों में घिर चुके हैं, जिन्हें काफी प्रयास के बाद वापस लाया गया था. फिर भी मजदूर पिछली घटनाओं से सीख नहीं ले रहे हैं. इसी महीने सरकार की पहल पर ट्यूनीशिया में फंसे 48 मजदूरों को स्वदेश लौटाया गया. वहीं गिरिडीह जिले के बगोदर के पांच मजदूर पिछले सात महीनों से नाइजर में अगवा होने के बाद भी रिहा नहीं हो पाए हैं. उधर डुमरी के प्रवासी मजदूर विजय कुमार महतो का शव भी पिछले एक महीने से सऊदी अरब में ही पड़ा है.
रिपोर्ट - मनोज कुमार पिंटू









